ऐसे कैसे किसान? वो आई थी समर्थन करने, हो गई महापाप की शिकार

दिल्ली की सीमाओं पर संयुक्त किसान मोर्चा के अंतर्गत किसान यूनियनों का आंदोलन चल रहा है। यह आंदोलन 167 दिन का हो गया है जिसकी शुरुआत 26 नवंबर को हुई थी।

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दिल्ली की टिकरी सीमा पर तथाकथित किसान यूनियनों का आंदोलन चल रहा है। इस आंदोलन से शर्मसार करनेवाली घटना सामने आई है। जिसमें बंगाल से आंदोलन का समर्थन करने आई युवती से सामूहिक दुष्कर्म किया गया। युवती को अस्पताल में भर्ती किया गया जहां उसकी मृत्यु हो गई है। युवती के पिता की शिकायत पर प्रकरण पंजीकृत कर लिया गया है।

इस प्रकरण में हरियाणा पुलिस ने चार नेताओं और दो महिला वॉलंटियर के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 365, 342, 354, 376 और 120बी के अंतर्गत अभियोग पंजिकृत किया है। इस प्रकरण की चर्चा आंदोलनकारियों और प्रशासन के बीच कई दिनों से चल रही थी। पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में एक एसआईटी भी गठित की है। युवती को कोरोना संक्रमण हो गया था। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इसकी मृत्यु हो गई। 30 अप्रैल को युवती की मृत्यु हुई, इसके चार दिन पहले उसे कोविड 19 संक्रमण बढ़ने के कारण शिवम् अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी मृत्यु के बाद पिता ने सामूहिक दुष्कर्म का प्रकरण पंजीकृत कराया है।

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युवतियां बनीं सहायक और हो गया महापाप
टीकरी सीमा पर चल रहे आंदोलन में सोशल आर्मी का संचालन करनेवाले अनूप सिंह, अनिल मलिक समेत अंकुश सांगवान, जगदीश बराड़ पर सामूहिक दु्ष्कर्म का आरोप है। इस जघन्य कृत्य में सहायिका के रूप में दो युवतियों का नाम है जिनमें कविता आर्य और योगिता सुहाग का नाम अभियोग में पंजीकृत किया गया है।

एसआईटी कर रही थी जांच
पीड़िता 11 अप्रैल, 2021 को पश्चिम बंगाल से दिल्ली आई थी। यहां टीकरी सीमा पर आरोपी बहुत सक्रिय थे। युवती को इस बीच कोरोना संक्रमण भी हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई। इसके बाद प्रकरण संज्ञान में आया, जिसके पश्चात आंदोलन के नेताओं की नींद टूटी। इस पर शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक भी हुई थी। पुलिस ने इस प्रकरण में संज्ञान लेते हुए उपाधीक्षक की अगुवाई में तीन निरिक्षक और साइबर सेल के अधिकारियों का एक विशेष जांच दल बनाया था। इस दल की रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीकृत किया गया है।

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बोलती बंद
देश में किसानों के अधिकारों की बात करनेवाले तथाकथित किसान नेता इस प्रकरण में चुप्पी साधे बैठे हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत और संयुक्त किसान मोर्चा के योगेंद्र यादव, वैसे बोलने का कोई अवसर नहीं छोड़ते, लेकिन इस जघन्य अपराध पर उनका एक भी बयान सामने नहीं आया है। इसके पहले 26 जनवरी, 2021 को इन नेताओं की अगुवाई में निकाले गए ट्रैक्टर परेड में दिल्ली में आतंक फैलाया गया था। लाल किले पर तिरंगे का अपमान और पुलिस कर्मियों को जमकर मारा पीटा गया था।

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