गौरक्षकों की कार के आगे गाड़ी से फेंकी जिंदा गाय, ऐसे दबोचे गए तीन गौ तस्कर

गौरक्षकों को पछाड़ने में जब गौ तस्कर कामयाब नहीं हो पाए तो उन्होंने उनकी गाड़ी के आगे अपनी गाड़ी से जिंदा गाय फेंकनी शुरू कर दी।

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16 नवंबर को एक बार फिर से गौतस्करों व गौरक्षकों के बीच मुठभेड़ हुई। गौतस्करों का जब गौरक्षक पीछा कर रहे थे तो गौतस्करों ने उनकी गाड़ियों के आगे अपनी गाड़ियों में भरी जिंदा गाय बीच सड़क पर फेंक दी। इस दौरान गाय बुरी तरह से घायल हो गई। करीब 25 किलोमीटर तक गोस्तकरों का पीछा करके उन्हें पकड़ा गया। तीन गौतस्कर पकड़े गए। गुरुग्राम पुलिस ने सभी आरोपी पलवल पुलिस को सौंप दिए। पलवल पुलिस इस मामले में कार्रवाई करेगी।

गुरुग्राम गौरक्षकों को गुप्त सूचना मिली थी कि यहां के सेक्टर-37 क्षेत्र से गौतस्करों ने कुछ गाय अपनी गाड़ी में भरी हैं। वे सोहना की तरफ गायों को लेकर जाएंगे। इस सूचना के तुरंत बाद गौरक्षकों ने सक्रियता दिखाई और उन्होंने सोहना रोड पर भोंडसी के पास नाका लगा दिया। जब गौतस्कर वहां पर पहुंचे तो उन्हें पकडऩे का प्रयास किया गया। इसी दौरान उन्होंने गौरक्षकों की गाड़ी में ही टक्कर मारी दी और नाका तोड़कर वे फरार हो गए। गौरक्षकों ने हिम्मत करके गौतस्करों का पीछा करना जारी रखा। गौतस्करों ने रास्ते में पत्थर और कंचे भी फेंके, ताकि गौरक्षकों की गाड़ी को पीछे छोड़ा जा सके।

दो गौ रक्षक घायल
दो रक्षकों को चोटें भी लगी और उनकी गाड़ी को भी नुकसान हुआ। जब वे गौरक्षकों को पछाड़ने में कामयाब नहीं हो पाए तो उन्होंने उनकी गाड़ी के आगे अपनी गाड़ी से जिंदा गाय सड़क पर फेंकनी शुरू कर दी। कई किलोमीटर तक यह भिड़ंत जारी रही। करीब 25 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद गौतस्करों को पलवल क्षेत्र में काबू किया गया। तीन गोतस्कर पकड़े गए।

तीन आरोपी फरार
पकड़े गए गौतस्करों से पूछताछ में पता चला कि वे नूंह निवासी शाद, सलीम और महबूब हैं। बाकी के तीन आरोपी फरार हो गए। गौरक्षकों की टीम उन्हें गुरुग्राम के भोंडसी थाने में ले आई। वहां से पुलिस ने पलवल पुलिस को मौके पर बुलाया। क्योंकि आरोपियों को पलवल की सीमा से पकड़ा गया था। आखिरकार तीनों आरोपियों को पलवल पुलिस गिरफ्तार करके ले गई। अब मामले की जांच पलवल पुलिस करेगी।

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