पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। 10 साल तक देश के उप राष्ट्रपति रहे अंसारी मुसलमानों की सुरक्षा को लेकर पहले भी बयान दे चुके हैं। एक बार फिर उन्होंने कहा है कि देश के मुसलमानों में असुरक्षा की भावना है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि अब देश में सेक्युलरिज्म नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि 2014 तक देश में काफी हद तक सेक्युलरिज्म था। हाल ही में प्रकाशित हुई उनकी किताब ‘बाइ मेनी अ हैपी एक्सिडेंट’ को लेकर वे इन दिनो खबरों में हैं। उन्होंने सवालों के जवाब में कहा कि मॉब लिंचिंग की वजह से मुसलमानों में असुरक्षा की भावना बढ़ी है। लेकिन जब उनसे इस बारे में पूछा गया कि हिदुओं की भी लिंचिंग होती है तो उन्होंने माना कि लिंचिंग दूसरे धर्म के लोगों की भी होती है। ईसाईयों में भी डर है।
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धर्म के आधार पर जेल में डालने का आरोप
एक टीवी चैनल के इंटरव्यू के दौरान हामिद अंसारी ने आरोप लगाया कि यूपी में लोगों को धर्म के आधार पर जेल में डाल दिया जा रहा है। उनसे पूछा गया कि उपराष्ट्रपति के कार्यकाल के आखिरी समय में नेशनल लॉ स्कूल ऑफ बैंगलुरू में आपने कहा था कि मुसलमानों में असुरक्षा की भवना और बेचैनी है, क्या यह अभी भी जारी है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मैं जो भी मीडिया में देख रहा हूं, उसे देखकर कह सकता हूं कि वह अभी भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि यूपी में लोगों को जेल में बंद किया जा रहा है, किसी पर लव जिहाद मामला है, तो किसी पर ट्रिृपल तलाक है। ट्रिपल तलाक कभी धार्मिक मान्यता प्राप्त नहीं था। यह सामाजिक कुरीति है। इसके खिलाफ कानून बनाना अच्छी बात है लेकिन लागू किस तरह किया जा रहा है?
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काउंटर सवालों पर भड़क गए
मुसलमानों की सुरक्षा को लेकर जब उनसे पूछा गया कि आपको ऐसा क्यों लगता है कि मुसलमानों में असुरक्षा की भावना है तो उन्होंने कहा कि पर्सेप्शन यही है। काउंटर सवालों पर वे भड़क गए और कहा कि आप की मेंटलिटी खराब है। उन्होंने कहा कि क्या आपको किसी ने निमंत्रण दिया था, किसी ने बुलाया था, आप यहां क्यों आए? पूरे सवाल-जवाब के दौरान वे नाराज और गुस्से में दिखे और अंत में बीच में ही इंटरव्यू छोड़कर थैंक यू कहते हुए उठ खड़े हुए।
वे इन पदों पर चुके हैंः
- हामिद अंसारी 10 साल तक देश के उपराष्ट्रति रहे
- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रहे
- अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख रहे
- विदेशों में भारत के राजनयिक रहे