महिलाओं के यौन शोषण को रोकने के लिए पूर्व डीजीपी प्रवीण दीक्षित के ये हैं सुझाव!

महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित माने जाने वाले महाराष्ट्र में भी अब उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ने लगी है। इसे देखते हुए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस पर विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी।

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महाराष्ट्र में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की बढ़ती घटनाओं को लेकर राज्य सरकार के साथ ही प्रदेश का पुलिस प्रशासन भी चिंतित है। महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित माने जाने वाले इस प्रदेश में भी अब उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ने लगी है। इसे देखते हुए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस पर विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। अब सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी प्रवीण दीक्षित ने भी राज्य सरकार को इस बारे में महत्वपूर्ण सलाह दी है। उनके सुझाव पर राज्य सरकार को गंभीरता से विचार करने की जरुरत है।

महिला पुलिस मित्र की जरुरत
हाल ही में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के साकीनाका में एक महिला के साथ रेप कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। इसके बाद ऐसी ही घटना डोंबिवली में हुई। इस स्थिति में यह विषय और भी चिंता का कारण बन गया है। महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रवीण दीक्षित ने इस तरह के अपराध को रोकने के लिए ट्विटर के जरिए राज्य सरकार को अहम सुझाव दिए हैं। दीक्षित ने डोंबिवली में नाबालिग लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार और छेड़छाड़ की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पुलिस विभाग में महिला पुलिस मित्र को शामिल करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है ताकि शिकायतों पर गौर करने और पीड़िताओं के मात-पिता के साथ संवाद साधने के लिए महिलाओं में विश्वास पैदा किया जा सके। दीक्षित ने कहा कि इस तरह के मामलों में 24 घंटे के भीतर चार्जशीट दाखिल करना अनिवार्य है।

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मौजूदा पुलिस व्यवस्था में बदलाव जरुरी
दीक्षित के सुझाव पर राज्य सरकार को गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। इसका जवाब देते हुए सहायक पुलिस आयुक्त अविनाश धर्माधिकारी ने कहा कि निर्भया दस्ते ने पुलिस बल में एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है। इसमें हर क्षेत्र की महिलाएं शामिल हो सकती हैं। साथ ही, महिला पुलिस अधिकारी और कर्मचारी स्कूली लड़कियों और अभिभावकों के साथ जूम मीटिंग भी करते हैं। धर्माधिकारी ने कहा कि संकट में फंसी महिलाओं की मदद के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। हालांकि, पुलिस के जारी प्रयासों से महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं नहीं रुक रही हैं। इसलिए पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रवीण दीक्षित जैसे अनुभवी पुलिस अधिकारियों के सुझावों पर विचार करके उन पर अमल किया जाना चाहिए।

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