ईरान ने हिजाब विरोधी प्रदर्शन और महिलाओं के अधिकार का समर्थन करने के आरोप में एक फुटबॉलर को फांसी की सजा सुनाई है। आमिर नस्र-आजादानी नाम का यह फुटबॉलर ईरान की राष्ट्रीय अंडर-16 टीम के लिए खेल चुका है। इस फुटबॉलर को बचाने के लिए ईरान की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान समेत कई खेल सितारों ने अपील की थी। इसके बावजूद ईरानी सरकार ने आमिर नस्र-आजादानी की सजा माफ नहीं की है। ईरानी सरकार का दावा है कि फुटबॉलर आमिर नस्र-आजादानी को एक सशस्त्र दंगे में भाग लेने के लिए गिरफ्तार किया गया था, जिसमें सुरक्षा बलों के तीन सदस्य मारे गए थे। 26 साल के आमिर नस्र-आजादानी ईरानजवन बुशहर एफसी टीम में डिफेंडर के तौर पर फुटबॉल खेलते हैं।
फुटबॉलर पर मोहराबेह का आरोप
कोर्ट में पेशी के दौरान ईरानी सरकार ने आमिर नस्र-आजादानी पर देश के खिलाफ विद्रोह करने, सशस्त्र गिरोहों का सदस्य होने, देश की सुरक्षा को कमजोर करने में विदेशी ताकतों की सहायता करने का आरोप लगाया। ऐसे में कोर्ट में उनके खिलाफ मोहराबेह का आरोप साबित हुआ। मोहराबेह का अर्थ ईश्वर के खिलाफ युद्ध छेड़ना है। ईरान में इस गुनाह की सजा मौत है। ईरान में देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों ने सरकार की जड़ें हिला दी है। जिसके बाद तेहरान ने इस महीने दो प्रदर्शनकारियों को फांसी पर लटकाया है। इन सभी लोगों पर मोहराबेह का आरोप लगाया गया है।
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अब तक 11 लोगों को दी जा चुकी है फांसी
एमनेस्टी इंटरनेशनल का दावा है कि विरोध प्रदर्शनों के लिए 11 लोगों को पहले ही मौत की सजा सुनाई जा चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार, अब भी कम से कम आठ अन्य लोगों को मौत की सजा का सामना करना पड़ सकता है। सितंबर में तेहरान की नैतिकता पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद विरोध शुरू होने के बाद से हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ईरान की न्यायपालिका ने 13 दिसंबर को कहा कि अकेले राजधानी में 400 लोगों को विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने पर 10 साल तक की जेल की सजा सुनाई गई है। तेहरान की न्यायपालिका के एक प्रवक्ता ने कहा कि तेहरान प्रांत में दंगाइयों के मामलों की सुनवाई में 160 लोगों को पांच से 10 साल की जेल, 80 लोगों को दो से पांच साल और 160 लोगों को दो साल तक की सजा सुनाई गई।