असम में पिछले आठ दिनों से बाढ़ और भूस्खलन का कहर जारी है। प्रदेश के 33 जिलों के 42.28 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। पिछले 24 घंटों में बाढ़जनित विभिन्न हादसों में नौ लोगों की मौत हो गई और 4 पुलिस भी इसमें समावेश है। जबकि आठ लोग लापता हैं। प्रदेश में कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
20 जून तक के आंकड़ें
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के 20 जून तक के आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में 33 जिलों- बजाली, बाक्सा, बरपेटा, बिश्वनाथ, बंगाईगांव, कछार, चिरांग, दरंग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, डिमा-हसाउ, ग्वालपारा, गोलाघाट, हैलाकांडी, होजाई, जोरहाट, कामरूप, कामरूप (मेट्रो), कार्बी आंगलोंग पश्चिम, करीमगंज, कोकराझार, लखीमपुर, माजुली, मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी, शिवसागर, शोणितपुर, दक्षिण सालमारा, तामुलपुर, तिनसुकिया और उदालगुरी जिले में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। कुल 127 राजस्व मंडल के 5,137 गांवों के लगभग 42,28,157 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इनमें से 1,86,424 लोग 744 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। वहीं 107370.43 हेक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ के पानी में डूब गयी है। राहत शिविरों में आश्रय नहीं लेने वाले अन्य प्रभावित आबादी को भी 403 शिविरों के माध्यम से राहत सामग्री वितरित की जा रही है।
बाढ़ आपदा से बचाव के लिए प्रशासन की मदद
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, दमकल और पुलिस बल, एएसडीएमए के एएपीडीए मित्र स्वयंसेवकों आदि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित निकालने में जिला प्रशासन की मदद कर रहे हैं। संबंधित एजेंसियों द्वारा अब तक 29,743 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। इस मौसम में (गत 6 अप्रैल से) अब तक कुल 71 लोगों की बाढ़ और भूस्खलन के कारण मौत हो गई है। बाढ़ जनित विभिन्न हादसों में 19 जून को 9 लोगों की मौत हो गयी और 8 लोगों के लापता होने की जानकारी मिली है। पिछले 24 घंटों में कछार, डिमा-हसाउ, ग्वालपारा, हैलाकांदी, कामरूप (मेट्रो) और करीमगंज जिलों भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं।
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार 19 जून शाम 6 बजे तक राज्य की कपिली नदी (कामपुर, नगांव में) खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। ब्रह्मपुत्र नद (निमातीघाट, जोरहाट, तेजपुर, शोणितपुर, गुवाहाटी, कामरूप, ग्वालपारा, धुबरी, सुबनसिरी, बदातीघाट, लखीमपुर) में; कपिली धरमतुल, नागांव में; पुथिमारी (एनएच रोड क्रॉसिंग, कामरूप), पगलादिया (एनटी रोड क्रॉसिंग, नलबाड़ी), मानस (एनएच रोड क्रॉसिंग, बरपेटा), बेकी (रोड ब्रिज, बरपेटा) खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं बराक नदी (बीपी घाट, करीमगंज, एपी घाट, कछार, मतिजुरी, हैलाकांदी) और कुशियारा (करीमगंज में) खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
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