Farmers protest: हरियाणा पुलिस (Haryana Police) द्वारा आंसू गैस के गोले दागे (tear gas shells fired) जाने से आठ प्रदर्शनकारी किसान घायल (eight protesting farmers injured) हो गए, जिसके बाद किसान यूनियनों (farmers unions) ने 8 दिसंबर (रविवार) को ‘दिल्ली चलो’ मार्च (Delhi Chalo march) को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया।
पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि आठ किसान घायल हो गए और उनमें से एक को चंडीगढ़ के पोस्ट-ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) ले जाया गया। पीटीआई ने पंधेर के हवाले से बताया, “हमने ‘जत्था’ (101 किसानों का समूह) को वापस बुला लिया है।”
#WATCH | Farmers’ ‘Dilli Chalo’ march | At the Shambhu border, farmer leader Sarwan Singh Pandher says, “Today we have decided to withdraw the ‘jatha’. The agitation will continue today. One farmer has been admitted to PGI and is in serious condition and 8-9 farmers are injured,… pic.twitter.com/YXIGIGxd53
— ANI (@ANI) December 8, 2024
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पैदल मार्च फिर से शुरू
उन्होंने कहा कि किसान अपने मंचों – संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की बैठक के बाद अपनी अगली कार्रवाई तय करेंगे। दोपहर में किसानों के शंभू विरोध स्थल से ‘जत्थे’ ने अपना पैदल मार्च फिर से शुरू किया, लेकिन हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए बहुस्तरीय बैरिकेडिंग के कारण जल्द ही उन्हें रोक दिया गया।
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आंसू गैस के गोले दागे गए
प्रदर्शनकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए और बैरिकेड्स पर पहुंचने के बाद उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें भी की गईं। अंबाला पुलिस ने पहले कहा था कि किसान संगठन राष्ट्रीय राजधानी प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद ही दिल्ली की ओर मार्च कर सकते हैं। ‘मरजीवर’ (किसी उद्देश्य के लिए मरने को तैयार व्यक्ति) कहे जाने वाले इस समूह को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए मार्च करना था, लेकिन कुछ मीटर की दूरी पर ही उन्हें रोक दिया गया।
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मार्च स्थगित
एक किसान ने पीटीआई को बताया, “वे कह रहे हैं कि हमारे नाम सूची में नहीं थे। हमें नहीं पता कि उनके पास कौन सी सूची है। जब हमने उनसे पूछा कि क्या वे हमारी पहचान सत्यापित करने के बाद हमें आगे बढ़ने देंगे, तो उन्होंने कहा कि हमें अनुमति दिखानी होगी।” किसान नेता तेजवीर सिंह ने पूछा कि जब किसान शांतिपूर्वक पैदल जा रहे थे, तो उन्हें आगे बढ़ने से क्यों रोका गया। “हरियाणा को क्या आपत्ति है?” शुक्रवार को भी किसानों को अपना मार्च स्थगित करना पड़ा था, क्योंकि आंसू गैस के गोले लगने से उनमें से कुछ घायल हो गए थे।
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