ये है भारत की दासता की दास्तान!

आजादी से पहले 1929 में आईसीएओ ने भारत को वीटी ( VT) कोड दिया गया था। इस कोड का फुल फॉर्म 'वायसराय टेरिटरी' होता है। इससे साफ पता चलता है कि भारत वायसराय के अधीन आनेवाला देश है। इस शब्द में गुलामी की निशानी है

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अंतर्राष्ट्रीय नियम के अनुसार सभी देशों के विमानों के पंखों और बॉडी पर देश का सांकेतिक कोड लिखा जाता है। ये कोड अंतर्राष्ट्रीय नागरी विमानन संगठन द्व्रारा दिया जाता है। इस कोड से उस देश की पहचान होती है। लेकिन भारत के विमानों पर आज भी गुलामी की निशानी बरकरार है।

आईसीएओ देता है कोड
अंतर्राष्ट्रीय नागरी विमानन संगठन( आईसीएओ) सभी देशों को अलग-अलग कोड देता है। आजादी से पहले 1929 में आईसीएओ ने भारत को वीटी ( VT) कोड दिया गया था। इस कोड का फुल फॉर्म ‘वायसराय टेरिटरी’ होता है। इससे साफ पता चलता है कि भारत वायसराय के अधीन आनेवाला देश है। इस शब्द में गुलामी की निशानी है। लेकिन हैरानी की बात है कि देश को आजाद हुए 75 वर्ष होने के बावजूद गुलामी की इस निशानी को नहीं मिटाया गया है। आज भी हमारे विमानों पर गुलामी के समय दिया गया कोड ‘वीटी’ से हमारे विमानों की पहचान होती है।

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पीए के भी विमान पर गुलामी की निशानी
भारत के प्रधानमंत्री विमान से दुनिया भर के देशों की यात्रा करते हैं। लेकिन उन्हें गुलामी की यह निशानी नहीं दिखाई देती। सबसे ताज्जुब की बात तो यह है कि एयर इंडिया के जिस विमान B747-437 से वे विदेश यात्रा करते हैं, उस पर भी VT-EVB कोड लिखा होता है। इससे यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि देश के प्रधानमंत्री भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं या वायसराय टेरिटरी का।

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छोटे देशों ने बदल लिए अपने कोड
हैरानी की बात तो यह है कि चीन, नेपाल, श्रीलंका और फिजी जैसे देशों ने भी अपने कोड बदल दिए हैं। वे नये कोड का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन लोकतंत्र के सबसे बड़े देश भारत के विमान आज भी अपने विमान गुलामी की निशानी चिपकाए फिर रहे हैं।

इन देशों के ये हैं कोडः
पाकिस्तानः AP
बहमाः VP-B
नेपालः 9N
श्रीलंकाः 4R
जिंब्बावेः Z

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