श्मशान हादसाः और कितने ‘नामुराद’?

3 जनवरी को यहां एक श्मशान में आश्रय की छत गिरने से 25 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 40 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। ये सभी एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल होने आए थे। यहां सवाल यह है कि इस हादसे के लिए क्या सिर्फ ईओ, जेई, सुरवाइजर और ठेकेदार ही दोषी हैं, क्या इसके लिए कोई आला अधिकारी दोषी नहीं है और अगर हैं तो क्या उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी?

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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मुरादनगर में 3 जनवरी को हुए हादसे में ईओ, जेई और सुरवाइजर को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि ठेकेदार अभी भी फरार बताया जा रहा है। फिलहाल उसकी खोजबीन जारी है। 3 जनवरी को यहां एक श्मशान में आश्रय की छत गिरने से 25 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 40 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। ये सभी एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल होने आए थे। यहां सवाल यह है कि इस हादसे के लिए क्या सिर्फ ईओ, जेई, सुरवाइजर और ठेकेदार ही दोषी हैं, क्या इसके लिए कोई आला अधिकारी दोषी नहीं है और अगर हैं तो क्या उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि सरकार बचाव व राह्त कार्य में लगी हुई है। उनके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में एक अंतिम संस्कार में शामिल होने गए लोगों पर छत गिर जाने से 25 लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 लोग गंभीर रुप से घायल हो गए। घायलों को गाजियाबाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। उन्होंने इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए अधिकारियों को पीड़ित परिवारों को जितना हो सके मदद पहुंचाने का आदेश दिया। इसके साथ ही उन्होंने घटना की रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है।

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अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे थे लोग
मिली जानकारी के अनुसार दयानंद कॉलोनी निवासी दयाराम की 2 जनवरी की रात बीमारी से अचानक मौत हो गई। 3 जनवरी को उनके अंतिम संस्कार के लिए परिजन मुरादनगर स्थित श्मशान घाट पहुंचे। सुबह से हो रही बारिश की वजह से श्मशाम घाट परिसर में बने भवन के अंदर वे खड़े थे। तभी अचानक जमीन धंसने से दीवार बैठ गई। इस वजह से छत भरभराकर गिर गई। हादसे में 40 लोग दब गए। चीख-पुकार के बीच कुछ लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई और इसकी सूचना पुलिस प्रशासन को दी। उसके बाद अग्निशमन दल के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को इलाज के लिए गाजियाबाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। बारिश के कारण बचाव कार्य चलाने में मुश्किलें आईं। इस घटना के बाद पूरे परिसर में मातम पसर गया।

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