शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाईक को बड़ा झटका लगा है। प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल स्पॉट एक्सचेंज प्रकरण में उनकी संपत्ति जब्त कर ली है।
धनशोधन के प्रकरण में केंद्रीय एजेंसी ने ठाणे में स्थित लगभग 11.35 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली है। यह कार्रवाई 30 सितंबर, 2013 को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अंतर्गत हुई है।
निवेशकों के साथ धोखाधड़ी
धनशोधन कानून के अंतर्गत दर्ज प्रकरण के अनुसार निवेशकों के पैसों का नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) के सदस्यों ने दूसरी गतिविधियों में निवेश कर दिया। उसे इन्फ्रास्ट्रक्चर समेत अन्य क्षेत्रों में घुमा दिया।
ED attaches assets worth Rs. 11.35 Crore under PMLA in NSEL Scam. The attached assets are in the form of 02 flats and a parcel of land in Thane, Maharashtra held by Pratap Sarnaik. The value of total attached assets in this case stands at Rs. 3254.02 Crore.
— ED (@dir_ed) March 25, 2022
घोटाले का टूलकिट
- एनएसईएल के एक सदस्य के स्वामित्व वाले आस्था ग्रुप के पास ही 242.66 करोड़ रुपए का बकाया है। जिसका भुगतान प्रलंबित है।
- आस्था ग्रुप पर आरोप है कि, उसने वर्ष 2012-13 में 21.74 करोड़ रुपए का विहंग आस्था हाउसिंग प्रोजेक्ट्स एलएलपी में निवेश किया है।
- विहंग आस्था हाउसिंग प्रोजेक्ट्स एलएलपी ने कुल 21.74 करोड़ रुपए में से 11.35 करोड़ रुपए विहंग इंटरप्राइज और विहंग इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड में स्थानांतरित कर दिया। यह दोनों ही कंपनियां प्रताप सरनाईक और उनके परिवार द्वारा संचालित की जाती हैं।
- आस्था ग्रुप द्वारा एनएसईएल से उठाए गई कुल राशि में से 10.50 करोड़ रुपए योगेश देशमुख को दिया गया, जो धनशोधन कानून के अंतर्गत जब्त कर लिया गया है।
अब तक हजारो करोड़ रुपए की जब्ती
इस प्रकरण में पहले 32,42.67 करोड़ रुपए केंद्रीय एजेंसी ने जब्त किये थे, जो अब बढ़कर 3,254.02 करोड़ रुपए हो गया है।
घपले की मोडस ऑपरेंडी
कुछ लोगों के एक समूह बनाकर निवेशकों को आकर्शित करने के लिए नेशनल स्पॉट एक्सजेंच (एनएसईएल) के प्लेटफार्म का उपयोग किया। आरोप है कि, इसके लिए फर्जी कागज बनाए गए। जिसमें गोदाम की पावती, गलत खाताबही बनाई गई। इस घोटाले की मार लगभग 13 हजार निवेशकों को लगी, जिसकी कुल राशि 5,600 करोड़ रुपए की है। मुंबई पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा ने एनएसईएल के निदेशकों और महत्वपूर्ण अधिकारियों के विरुद्ध धोखाधड़ी समेत विभिन्न कानूनी धाराओं के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया। इसमें एनएसईएल के 25 डिफॉल्टरों के विरुद्ध भी प्रकरण दर्ज किया गया है।