बिहार के मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण,पश्चिम चंपारण और समस्तीपुर के आसपास जिले में 31 जुलाई की सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। सुबह 7: 58 मिनट से लेकर 8: 01 के बीच भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र नेपाल का काठमांडू बताया जा रहा है।
सुबह-सुबह हिलने लगी धरती
लंबे समय के बाद एक बार फिर 31 जुलाई की सुबह-सुबह बेगूसराय सहित बिहार के विभिन्न जिलों में भूकंप का झटका महसूस किया गया है। 31 जुलाई को छुट्टी रहने के कारण जब लोग अलसाए से अपने घरों में ही थे, तभी अचानक सुबह करीब 7:58 बजे 10-12 सेकंड तक सब कुछ हिलने लगा। अचानक पूरा सामान सहित घर को हिलता देख लोग जब तक सतर्क होते झटका समाप्त हो गया।
यहां सबसे ज्यादा दिखा असर
नेपाल के काठमांडू से 170 किलोमीटर दक्षिण पूर्व क्षेत्र में 5.5 तीव्रता से आए भूकंप के झटकों का सबसे ज्यादा असर बिहार के पूर्वी चम्पारण में देखने को मिला। यहां पांच सेकंड तक कंपन हुआ। हालांकि भूकंप की तीव्रता बहुत कम होने के कारण कुछ लोग तो इसको महसूस ही नहीं कर सके। कुछ जब तक इसे समझ पाते झटके आने बंद हो चुके थे।
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इसलिए डर गए नेपाल के नागरिक
हालांकि जैसे ही लोगों को यह साफ हो गया कि भूकंप है, वे डर गए और बाहर आ गए। इस झटके ने लोगों के मन में वर्ष 2015 की याद ताजा कर दी। जब भूकंप ने नेपाल में कहर ढा दिया था। अप्रैल 2015 में नेपाल में भयंकर भूकंप आया था। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.8 मापी गई थी। उसकी तुलना में 31 जुलाई का भूकंप काफी कमजोर कहा जा सकता है। भूकंप की तीव्रता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि बिहार के बहुत से सीमावर्ती जिलों में भी उस भूकंप की वजह से नुकसान हुआ था। जहां तक नेपाल में हुए नुकसान की बात है तो कहा जा रहा है कि उसकी वजह से करीब 9000 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें 22 हजार के आसपास के लोग जख्मी हो गए थे।
भूकंप का केंद्र नेपाल
सुबह-सुबह भूकंप का झटका सिर्फ बेगूसराय ही नहीं बिहार के करीब तमाम जिले और नेपाल में भी महसूस किए गए हैं। कुछ लोगों को इस हलके झटके का पता भी नहीं चला, लेकिन सोशल मीडिया पर लगातार हो रहा हो रहे पोस्ट से सभी को जानकारी मिल गई। भूकंप का केंद्र नेपाल में होने की बात सामने आई है।