भूकंप के झटकों से हिली दिल्ली, देश के उत्तरी हिस्से में दिखा प्रभाव

उत्तर भारत भूकंप को प्रेरित करनेवाली फॉल्ट लाइन पर स्थित है। इसलिए इस क्षेत्र में यह झटके लगातार लगते रहे हैं।

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दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर भारत में झूकंप के झटके महसूस किये गए हैं। लगभग तीन सेकेंड तक यह झटके लगे हैं। रिक्टर स्केल में इसकी तीव्रता 5.8 नापी गई है। इसका केंद्र नेपाल में था।

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार दोपहर 2 बजकर 28 सेकेंड पर भूकंप आया था। जिसका केंद्र नेपाल में भूगर्भ में दस किलोमीटर अंदर था। इसकी तीव्रता 5.8 थी।

भूकंप का कारण
भूगर्भ में सात अलग-अलग प्लेट हैं, जो घूमती रहती हैं। जहां यह प्लेट एक दूसरे से टकराती हैं, उन्हें फॉल्ट लाइन कहते हैं। प्लेटों के एक दूसरे से टकराने के कारण इसके कोने क्षतिग्रस्त होने लगते हैं। जिसके कारण ऊर्जा उत्पन्न होती है और भूगर्भ में जो डिस्टरबेंन्स आता है उससे प्रभावित हिस्से में हलचल होती है। जिसे भूकंप कहते हैं।

भारत का कौन सा हिस्सा भूकंप के अधिक खतरे में
भूकंप का अध्ययन करनेवाली भारतीय एजेंसियों ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों को पांच हिस्सों में बांटा है। जिसमें जोन पांच को सबसे अधिक खतरनाक माना है।

जोन – 5: भूकंप अध्ययन करनेवाली एजेंसियों के अनुसार जोन 5 सबसे अधिक खतरनाक है। जोन 5 में पूर्वोत्तर भारत, जम्मू कश्मीर के हिस्से, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात का कच्छ, बिहार का हिस्सा और अंदमान निकोबार आता है। इस क्षेत्र में रिक्टर स्केल में 9 की तिव्रता का भूकंप आ सकता है।

जोन – 4: जोन 4 में जम्मू कश्मीर का हिस्सा, हिमाचल प्रदेश का हिस्सा, दिल्ली, सिक्किम, सिंधु गंगा का क्षेत्र, उत्तर प्रदेश का हिस्सा, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात का हिस्सा, राजस्थान और महाराष्ट्र का हिस्सा शामिल है।

जोन – 3: जोन तीन में केरल, गोवा, गुजरात, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, लक्षद्वीप समूह, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, पंजाब, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र शामिल है।

जोन – 2: जोन दो में देश के अन्य हिस्सों को रखा गया है। यह बहुत ही कम हलचल वाला भूकंप है, जिससे क्षति होने की संभावना अल्प ही होती है।

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