डीआरडीओ में पाकिस्तानी एजेंट कौन? एटीएस की कार्रवाई

पाकिस्तान लगातार भारत के विरुद्ध जासूसी का जाल बिछाता रहता है। ऐसे ही एक षड्यंत्र का खुलासा हुआ है।

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डीआरडीओ
डीआरडीओ में जासूसी के षड्यंत्र का भंडाफोड़

डिफेन्स रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) (DRDO) के एक वैज्ञानिक द्वारा पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (PIO) को गुप्त सूचनाएं देने का प्रकरण सामने आया है। इसके बाद महाराष्ट्र एंटी टेरोरिज्म स्क्वॉड (ATS) ने डीआरडीओ के वैज्ञानिक के विरुद्ध मुंबई के कालाचौकी पुलिस थाने में एफआईआर पंजीकृत कराई है। एटीएस इस प्रकरण की जांच कर रहा है।

भारत की अतिमहत्वपूर्ण रक्षा एजेंसी के रूप में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की गिनती होती है। इसमें वैज्ञानिक के पद पर कार्य करनेवाले एक कर्मचारी पर आरोप लगा है कि, उसनें पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव के जासूस से संबंध रखे और उसे विभिन्न माध्यमों से रक्षा विभाग से जुड़ी अतिगोपनीय जानकारियां उपलब्ध कराई। डीआरडीओ के जिस कार्यालय में वैज्ञानिक संबद्ध है वह पुणे में है। इसकी गुप्त सूचना महाराष्ट्र एटीएस को लग गई। उसने जांच करते हुए कालाचौकी पुलिस थाने में वैज्ञानिक के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कराया है।

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पीआईओ से था संपर्क
एटीएस को जांच में डीआरडीओ के वैज्ञानिक का पीआईओ के जासूस से संपर्क होने का प्रमाण मिला है। यह भी सामने आया है कि, संदेहास्पद वैज्ञानिक पाकिस्तानी जासूस से सोशल मीडिया, व्हाट्स ऐप, वॉइस मैसेज, वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क में था। आशंका है कि, डीआरडीओ के अतिगोपनीय दस्तावेज भी इस वैज्ञानिक ने पाकिस्तान जासूस के साथ साझा किये हैं। इस प्रकरण की पूरी जांच एटीएस की उच्च स्तरीय टीम कर रही है।

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