चीन (China) ने सबसे पहले भारत (Pakistan) को उकसाने के लिए पाकिस्तान का इस्तेमाल किया। पाकिस्तानियों ने चीन को पीओके (POK) में इसलिए लाया क्योंकि वे पैसे की भीख मांग रहे थे। दूसरी ओर, भारत में आतंकवादियों (Terrorists) की घुसपैठ कराकर कश्मीर को अस्थिर करने का प्रयास किया। इसी बीच, पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ और क्रोधित भारत ने कूटनीति का प्रयोग करते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान को प्रभावी रूप से मार गिराया गया। इससे चीन के लिए पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए आगे आना मुश्किल हो गया। अब चीन ने अपना ध्यान बांग्लादेश की ओर लगाया है। वहां की यूनुस सरकार अब पैसे के लिए चीन की हथेलियां चाट रही है और भारत विरोधी गालियां देने लगी है। यूनुस सरकार पाकिस्तान में हुए अपने अनुभव को भूल गई है।
चीन एक बार फिर भारत को क्रोधित करने के लिए नए हथकंडे अपना रहा है। इस बार चीन ने बांग्लादेश का हाथ पकड़ लिया है। चीन ने भारत के अत्यधिक संवेदनशील चिकन नेक क्षेत्र में स्थित बांग्लादेश के द्वितीय विश्व युद्ध कालीन लालमोनिरहाट एयरबेस (Lalmonirhat Airbase) पर अपनी बुरी नजर डाली है। यह एयरबेस सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास स्थित है। चिकन नेक पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में 20 किलोमीटर चौड़ी भूमि की पट्टी है, जो भारत को पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ती है। द्वितीय विश्व युद्ध के समय के इस हवाई अड्डे के प्रति चीन की दुर्भावना भारत के लिए चिंता का कारण हो सकती है।
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चीन ने 2018 की शुरुआत में लालमोनिरहाट एयरबेस में रुचि दिखाई थी, लेकिन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने बड़े पैमाने पर चीन का खुलकर विरोध किया था। इसके बाद कुछ समय के लिए मामला ठंडा हुआ था, लेकिन अब चीन एक बार फिर इस पर नजर रख रहा है। शेख हसीना ने 2019 में बांग्लादेश के पहले विमानन विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की थी। उन्होंने लालमोनिरहाट में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान विमानन और एयरोस्पेस विश्वविद्यालय का एक स्थायी परिसर बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन कोरोना वायरस के कारण काम में देरी हुई। चीन ने इस मामले में हस्तक्षेप किया था। उन्होंने ऋण के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन शेख हसीना ने कथित तौर पर प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। चीन-बांग्लादेश के बीच संबंध बेहतर होने से भारत की चिंताएं बढ़ सकती हैं। चीन अब फिर से समस्याएं पैदा करने की कोशिश कर रहा है। मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली नई अंतरिम सरकार ने अपना रुख बदल दिया है। यूनुस ने पदभार संभालते ही चीन का दौरा किया और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। इसलिए अब भारत को बांग्लादेश के साथ भी पाकिस्तान जैसा ही व्यवहार करना होगा।
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