क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग द्वारा ट्विटर पर शेयर किए गए टूलकिट तैयार करनेवाले आरोपियों पर दिल्ली पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस मामले में 14 फरवरी को बेंगलुरु से 21 वर्षीय दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद अब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस मामले में निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ कोर्ट से गैरजमानती वारंट जारी कराया है। इस बीच निकिता ने अग्रिम जमानत के लिए मुंबई हाईकोर्ट का रुख किया है। निकिता जैकब पेशे से वकील है और वह मुंबई उच्च न्यायालय में वकालत करती है। फिलहाल निकिता के साथ ही शांतनु भी फरार हैं।
#Breaking : Advocate Nikita Jacob has moved the Bombay High Court for transit anticipatory bail. Matter will be listed tomorrow before Justice PD Naik.
— Live Law (@LiveLawIndia) February 15, 2021
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अधिकारी गए थे निकिता के घर
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 11 फरवरी को भी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अधिकारी निकिता जैकब के घर गए थे। वे निकिता के मोबाइल और इलेक्ट्रोनिक डिवाइस की जांच करने गए थे, लेकिन शाम हो जाने के कारण अधिकारी जांच नहीं कर पाए थे और न वे निकिता से पूछताछ ही कर पाए थे। उन्होंने उससे दस्तावेज पर साइन कराया था कि वो जांच में सहयोग करेगी, लेकिन जब दूसरे दिन दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अधिकारी उसके घर पहुंचे तो वो लापता हो चुकी थी।
Non-bailable warrants issued against Nikita Jacob and Shantanu. The two are involved in the toolkit matter: Delhi Police
— ANI (@ANI) February 15, 2021
खालिस्तानी विचारधारा से प्रभावित
दिल्ली पुलिस के अनुसार निकिता जैकब खालिस्तानी विचारधारा से प्रभावित है और कनाडा के पुनीत नाम के एक शख्स से संपर्क किया थी। बताया जाता है कि 26 जनवरी से चार दिन पहले निकिता और अन्य की जूम पर मिटिंग भी हुई थी। खालिस्तानी संगठन से जुड़े संगठन पॉइंट फॉर जस्टिस के एमओ धालीवाल ने अपने कनाडा में रह रहे अपने सहयोगी पुनीत के माध्यम से निकिता से संपर्क भी किया था। इसका उद्देश्य रिपब्लिकन डे के पहले ट्विटर पर हलचल मचाना बताया जाता है।
Mo Dhaliwal, Poetic Justice Foundation founder, contacted Nikita Jacob via his colleague Puneet. Motive was to create a Twitter storm ahead of R-Day. There was a zoom meeting before Republic Day that was attended by Mo Dhaliwal, Nikita, Disha & others: Sources, on toolkit matter
— ANI (@ANI) February 15, 2021
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जूम मिटिंग में ये थे शामिल
मिली जानकारी के अनुसार निकिता जैकब पहले भी पर्यावरण के मुद्दे उठाती रही है। गणतंत्र दिवस से पहले हुई जूम मिटिंग में एमओ धालीवाल, निकिता, शांतनु और दिशा रवि के आलावा अन्य लोग भी शामिल हुए थे। धालीवाल ने उस दौरान कहा था कि मुद्दे को बड़ा बनाना है। इनका मकसद किसानों के बीच असंतोष और गलतफहमी फैलाना था। यहां तक कि किसान की मौत को पुलिस की गोली से हुई मौत बताकर इन लोगों ने किसानों के साथ ही अन्य लोगों में भी असंतोष फैलाने की साजिश रची थी।
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दिशा ग्रेटा थनबर्ग को जानती थी
26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद इन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय सेलिब्रिटी और एक्टिविस्ट से संपर्क किया था। दिशा रवि ग्रेटा थनबर्ग को जानती थी। इसलिए उसके माध्यम से ग्रेटा की मदद ली गई थी।
ये हैं आरोप
निकिता के साथ ही शांतनु पर भी आरोप है कि इन दोनों ने वही टूलकिट शेयर किया, जो दिशा रवि ने सोशल मीडिया पर शेयर किया था। निकिता जैकब ने गैर जमनती वारंट जारी होने के बाद मुबंई उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है। इस मामले में 16 फरवरी को सुनवाई होगी।
विपक्ष का हमला
इस बीच दिशा की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और आम आदमी पार्टी के नेता व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है। इन्होंने इसे लोकतंत्र पर प्रहार बताया है।