दिल्ली हिंसा: इशरत जहां की जमानत होगी निरस्त या मिलेगी बेल? न्यायालय सुनाएगा फैसला

पुलिस के मुताबिक इशरत जहां ने भीड़ को उकसाते हुए कहा कि हम चाहें मर जाएं, लेकिन हम यहां से नहीं हटेंगे, चाहे पुलिस कुछ भी कर ले हम आजादी लेकर रहेंगे।

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दिल्ली उच्च न्यायालय 7 जुलाई को दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के मामले में यूएपीए के तहत दर्ज मामले की आरोपित इशरत जहां को ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत को निरस्त करने की दिल्ली पुलिस की मांग पर सुनवाई करेगा। जस्टिस अनु मल्होत्रा की बेंच सुनवाई करेगी।

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि ट्रायल कोर्ट ने जमानत देकर स्थापित कानून का उल्लंघन किया है। दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के जहूर वटाली पर दिए फैसले को उद्धृत करते हुए कहा है कि ट्रायल कोर्ट ने इस फैसले के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इशरत जहां दूसरे आरोपियों के संपर्क में थी और इसका मकसद दंगे की साजिश को अंजाम देना था।

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कड़कड़डूमा कोर्ट ने दी थी जमानत
बता दें कि 14 मार्च को कड़कड़डूमा कोर्ट ने इशरत जहां को जमानत दी थी। इशरत जहां को 26 फरवरी 2020 को गिरफ्तार किया गया था। इशरत जहां के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 109, 147, 148, 149, 186, 307, 332, 353 और 34 और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है।

यह है मामला
पुलिस के मुताबिक इशरत जहां ने भीड़ को उकसाते हुए कहा कि हम चाहें मर जाएं, लेकिन हम यहां से नहीं हटेंगे, चाहे पुलिस कुछ भी कर ले हम आजादी लेकर रहेंगे। पुलिस के मुताबिक 26 फरवरी 2020 को जगतपुरी में न केवल पुलिस पर पथराव हुआ बल्कि गोलियां भी चलाई गई थीं।

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