Delhi: बिजली आपूर्ति में लगी पावर डिस्कॉम बी.एस.इ.एस. एवं बी.पी.वाइ.एल. में भारी धांधली, भाजपा ने की यह मांग

बिजली आपूर्ति में लगी पावर डिस्कॉम बी.एस.इ.एस. एवं बी.पी.वाइ.एल. में भारी आर्थिक धांधली चल रही है और इनके खातों की सी.ए.जी अथवा न्यायिक जांच अति आवश्यक है। दिल्ली भारतीय जनता पार्टी ने यह मांग की है।

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Delhi: बिजली आपूर्ति में लगी पावर डिस्कॉम बी.एस.इ.एस. एवं बी.पी.वाइ.एल. में भारी आर्थिक धांधली चल रही है और इनके खातों की सी.ए.जी अथवा न्यायिक जांच अति आवश्यक है। दिल्ली भारतीय जनता पार्टी ने यह मांग की है।

भाजपा का कहना है कि यह अजीब विडम्बना है कि तीनों पावर डिस्कॉम एक समान दर पर बिजली बेचती हैं‌ और खरीदती हैं तथा एक ही कम्पनी ट्रांसको की तारों के नेटवर्क से बिजली सप्लाई लेती -देती हैं। फिर भी एक प्रारम्भ से लाभ में चलती है तो शेष दो हमेशा घाटे में चलती हैं।

भाजपा ने सवाल उठाते हुए कहा है कि जब बी.एस.इ.एस. एवं बी.पी.वाइ.एल. साल दर साल लाइसेंस नियमों की अवेहलना कर रही हैं, बिजली बेचने खरीदने दोनों में घाटा दिखा रही तो फिर लाइसेंस सरेंडर क्यों नही करती और क्यों दिल्ली सरकार लाइसेंस रद्द नही करती जैसा उड़ीसा में सरकार सम्बंधित कम्पनी के साथ कर चुकी हैं।

दिल्ली सरकार यदि रेगुलेटरी असैट एवं बिजली कम्पनियों का सैट आफ स्वीकार करती है तो यह कानूनी रूप से, नैतिक रूप से और व्यापारिक रूप से गलत होगा और इसकी अंततः मार बिजली उपभोक्ताओं पर ही पड़ेगी।

इस तरह का कोई भी सेट आफ अगर दिल्ली सरकार न्यायलय में स्वीकार करती है तो यह प्रमाणित करेगा की गत 10-11 साल से पावर डिस्कॉम में जो हेरफेर मूल निजी कम्पनी बी.एस.इ.एस. कर करवा रही थी यह सब अरविंद केजरीवाल सरकार की सहमति से हुआ था।

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दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि पावर डिस्कॉम में 51प्रतिशत की साझीदार निजी कम्पनियों के साथ ही 49 प्रतिशत की साझीदार दिल्ली सरकार की भी है। दोनों ने मिल कर पावर डिस्कॉम को दिवालियापन की कगार पर ला कर खड़ा कर दिया है।

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