दिल्ली उच्च न्यायालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के पूर्व प्रमुख ई अबु बकर की उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपने घर में नजरबंदी की अनुमति मांगी थी। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हम आपको घर क्यों भेजें, आप अस्पताल जाइए। मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी।
कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहींः न्यायालय
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एम्स की रिपोर्ट देखी, जिसमें कहा गया था कि अबु बकर को एम्स में जांच के लिए 22 दिसंबर की तिथि तय हुई है। कोर्ट ने एम्स के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को 6 जनवरी तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने अबु बकर के पुत्र को एम्स में जांच के दौरान उपस्थित रहने की अनुमति दी। सुनवाई के दौरान जब अबु बकर की ओर से पेश वकील अदीत एस पुजारी ने घर में नजरबंदी की अनुमति मांगी तो कोर्ट ने कहा कि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
न्यायालय ने की यह टिप्पणी
पुजारी ने जब गौतम नवलखा मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का जिक्र किया तो एनआईए ने कहा कि गौतम नवलखा मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश चार्जशीट दाखिल होने के बाद आया है। उस मामले में ट्रायल आगे नहीं बढ़ रहा था। अबु बकर के मामले में अभी जांच चल रही है। कोर्ट ने कहा कि एम्स की रिपोर्ट में सर्जरी की कोई जरूरत नहीं बताई गई है। अगर आप कहें तो एक तीमारदार को अस्पताल में साथ रहने की अनुमति दे सकते हैं। तब पुजारी ने कहा कि कैंसर का इलाज कराने के लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है।
अबू बकर का उपचार जारी
एनआईए ने 14 दिसंबर को कहा था कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के पूर्व प्रमुख ई अबु बकर बिल्कुल ठीक हैं और उनका इलाज चल रहा है। जरूरत पड़ने पर अबू बकर को अस्पताल ले जाया जाता है। दरअसल, 30 नवंबर को हाई कोर्ट ने अबू बकर की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए एम्स से मेडिकल रिपोर्ट तलब की थी। सुनवाई के दौरान अबू बकर की ओर से वकील मोहम्मद मोबीन अख्तर ने कहा था कि अबु बकर की उम्र 70 साल है। उनको दुर्लभ कैंसर के साथ ही पार्किंसन और डायबिटीज और हाईपरटेंशन समेत कई बीमारियां हैं।
एम्स की रिपोर्ट का इंतजार
सुनवाई के दौरान एनआईए की ओर से कहा गया था कि मामले पर कोर्ट को कोई फैसला लेने से पहले एम्स की रिपोर्ट का इंतज़ार करना चाहिए। अबू बकर को एनआईए ने 22 सितंबर को गिरफ्तार किया था। 6 अक्टूबर से अबू बकर न्यायिक हिरासत में है। ट्रायल ने 14 नवंबर को अबू बकर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।