बनाता था फर्जी डॉक्टर, उत्तर प्रदेश का शिक्षा माफिया इम्लाख शिकंजे में आया

इमरान व इम्लाख ने कर्नाटक राजीव गांधी यूनिवर्सिटी, बिहार बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी मुजफ्फरपुर बिहार, गीतांजलि यूनिवर्सिटी राजस्थान, जोधपुर नेशनल यूनिवसिर्टी राजस्थान, मगध यूनिवर्सिटी बिहार, पंडित भगवन दयाल यूनिवर्सिटी रोहतक की डिग्रियां दिलाने का खुलासा हुआ है।

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देहरादून एसटीएफ की टीम ने अजमेर के किशनगढ़ क्षेत्र स्थित एक होटल से बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफ्फरनगर के मालिक एवं चेयरमैन शेरपुर निवासी 36 वर्षीय इम्लाख पुत्र मोहमद इलियास को पकड़ा है। आरोपित के खिलाफ देहरादून पुलिस अधीक्षक ने 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया हुआ था। आरोपित कोतवाली मुजफ्फरनगर का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर भी है। आरोपित पर उत्तराखंड में करीब 100 से अधिक आयुर्वेदिक चिकित्सकों फर्जी डिग्री उपलब्ध कराने का आरोप है।

ऐसे खुली इम्लाख के करतूतों की पोल
जानकारी के अनुसार 10 जनवरी 2023 को एसटीएफ देहरादून द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सक प्रीतम सिंह एवं मनीष अली को गिरफ्तार किया गया था, जिनकी बीएएमएस की मूल डिग्री फर्जी पाई गई, दोनों की मूल डिग्री को बरामद कर लिया गया है। फर्जी बीएमएस डिग्री धारण कर प्रेक्टिस कर रहे डॉक्टरों के विरुद्ध एस टी एफ द्वारा थाना नेहरू कॉलोनी पर मुकदमा दर्ज कर जांच की गई। एसटीएफ द्वारा की जा रही जांच एवं पूर्व में गिरफ्तार चिकित्सकों की पूछताछ में पता चला कि बीएएमएस की फर्जी डिग्री उन्होंने करीब 8 से 10 लाख रुपए में बाबा ग्रुप ऑफ काॅलेज मुजफ्फरनगर के मालिक एवं चेयरमैन इम्लाख एवम इमरान से प्राप्त की है। इम्लाख के बारे में जानकारी की गयी तो वह कोतवाली मुजफ्फरनगर का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर निकला। इसके द्वारा अपने भाई इमरान के साथ बरला थाना क्षेत्र मुजफ्फरनगर में बाबा ग्रुप ऑफ काॅलेज के नाम से मेडिकल डिग्री काॅलेज भी खोला हुआ है जो कि बी.फार्मा, बीए, बीएससी आदि के कोर्स संचालित करता है।

इमरान पहले ही गिरफ्तार
एस टी एफ की टीम ने 10 जनवरी 2023 को कॉलेज मुजफ्फरनगर में दबिश देकर इमरान पुत्र इलियास निवासी शेरपुर मुजफ्फरनगर को कॉलेज से ही गिरफ्तार कर लिया, जिसके कब्जे से एसटीएफ को कई राज्यों की विभिन्न यूनिवर्सिटियों की फर्जी ब्लैंक डिग्रियां, फर्जी मुद्राएं एवं फर्जी पेपर एवं कई अन्य कूट रचित दस्तावेज बरामद हुए। फर्जी डिग्री देने के मास्टरमाइंड एवं मुख्य अभियुक्त इम्लाख का भांडा फूटते ही वह अपना मोबाइल बंद कर मुजफ्फरनगर से फरार हो गया था एवं अपनी गिरफ्तारी से बच रहा था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा उसको पकड़े जाने पर 25000 रुपए का इनाम घोषित कर दिया गया। जानकारी के अनुसार 1 फरवरी 2023 को एसटीएफ टीम को सूचना प्राप्त हुई की इम्लाख जयपुर में छुप कर रह रहा है एसएसपी एसटीएफ के निर्देश पर एक टीम देहरादून से जयपुर पहुंची किन्तु आरोपित वहां से बच निकला। एसटीएफ टीम द्वारा 02 फरवरी 2023 को मुखबिर की सूचना एवं टेक्निकल सपोर्ट से अभियुक्त इम्लाख को किशनगढ़ जिला अजमेर राजस्थान में होनेा बताया गया। यहां 3 फरवरी की रात को एसटीएफ की टीम ने घेराबंदी कर मुख्य बाजार स्थित होटल आशीर्वाद से इम्लाख को पकड़ लिया गया।

वर्षों से चल रहा था धंधा
एस टी एफ टीम द्वारा इम्लाख से पूछताछ की गई जिसके द्वारा वर्ष 2008 से फर्जी मार्क शीट बनाने का काम किया जा रहा है। वर्ष 2008 से हाई स्कूल एवम इंटर की फर्जी मार्क शीट तैयार की जा रही थी। वर्ष 2014 से बीएएमएस की फिजी डिग्री दिलवाई गई थी। 2015 से फर्जी डिग्री से आयुर्वेदिक चिकित्सा परिषद में रजिस्ट्रेशन भी करवाए गए। फर्जी एमबीबीएस की डिग्री दिलाई गई। फर्जी डी फार्मा की डिग्री दिलवाई गई।

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माना दिलाई फर्जी डिग्री
पूछताछ में इम्लाख और इमरान द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा उत्तराखण्ड उत्तर प्रदेश में सेकंड़ों लोगो से पैसे लेकर फर्जी दस्तावेज डिग्री दी गई थी। इनमें बी.ए.एम.एस, एम.बी.बी.एस, डी फार्मा की डिग्री शामिल है। इसके अलावा हाईस्कूल की मार्कशीट करीब 100 से 150 लोगों को, इंटर की मार्कशीट भी करीब 100 150 लोगों को फर्जी उपलब्ध कराई थी।

इम्लाख द्वारा अर्जित सम्पत्ति
बाबा चेरिटेबल ट्रस्ट मुजफ्फरनगर है, जिसका रजिस्ट्रेशन 2009 में हुआ था। 11 सदस्यों वाले इस ट्रस्ट में वह स्वयं अध्यक्ष है। इसके अलावा बाबा मेडिकल कॉलेज बरला मुज्जफरनगर, बाबा इंस्टीटूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, बाबा हाई स्कूल बरला, बाबा डिग्री कॉलेज बरला खोले हुए हैं। इम्लाख मुज्जफरनगर का हिस्ट्रीशीटर है जिसके विरुद्ध धोखाधड़ी मारपीट बलवे के कुल 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं।

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