इसलिए राजस्थान में छा सकता है अंधेरा!

किसान लम्बे समय से सिंचाई के पानी की मांग कर रहे हैं। इसी को लेकर थर्मल प्लांट का घेराव कर लिया।

88

पानी की मांग पर किसानों ने सूरतगढ थर्मल पावर प्लांट का घेराव कर लिया है। हजारों किसान प्लांट के चारों तरफ जुट गए हैं। सैकड़ों ट्रैक्टरों में हजारों किसान यहां जुटे हुए हैं। इलाके के किसान लम्बे समय से सिंचाई के पानी की मांग कर रहे हैं। इसी को लेकर थर्मल प्लांट का 25 जून को घेराव कर लिया। बड़ी संख्या में किसानों ने थर्मल के गेट पर सभा की। महिलाएं भी मौजूद रही। आसपास के गांवों से बड़ी तादाद में किसान ट्रैक्टर ट्रालियों और गाड़ियों में भरकर थर्मल गेट पर पहुंचे। किसानों के थर्मल घेराव के ऐलान के बाद पुलिस और स्थानीय प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद है।

यह भी पढ़ें-एम्स ने अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर ऐसे फैलाई जागरुकता!

कार्यपालक मजिस्ट्रेट सूरतगढ तहसीलदार हाबूलाल मीणा और सूरतगढ डीएसपी शिवरतन गोदारा, डीएसपी विक्की नागपाल स्थिति पर नजर बनाए हुए थे। माइनर निर्माण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों से दोपहर 2 बजे प्रशासन ने वार्ता की पेशकश की, जिसे किसान नेताओं ने ठुकरा दिया। इसके बाद किसान नेताओं ने जिला कलेक्टर से वार्ता करने की मांग रखी। इस पर प्रशासनिक अधिकारियों ने जिला कलेक्टर से वर्चुअल बैठक की बात कही, लेकिन किसान नेता धरनास्थल पर ही वार्ता की मांग दोहराते रहे।

इससे पहले की बैठक को भाजपा के पूर्व विधायक अभिषेक मटोरिया, किसान मजदूर संघर्ष समिति के रणजीत सिंह राजू, सन्तवीर सिंह मोहनपुरा, ओम राजपुरोहित, मोहन पूनिया, राकेश बिश्नोई, रामू छिम्पा, लक्ष्मण शर्मा, नरेंद्र घिंटाला और अन्य ने संबोधित किया। वक्ताओं ने राज्य सरकार पर पूर्व में हुए समझौते के उल्लघंन के आरोप लगाए।

मांग पूरी न होने पर दिया अल्टीमेटम
इसके बाद एटा-सिंगरासर माईनर निर्माण आंदोलन के दौरान किसान वार्ता की संभावना न होते देख थर्मल के घेराव के लिए नारेबाजी करते हुए सभा स्थल से रवाना हुए। प्लांट के दो नंबर गेट पर जमकर प्रदर्शन के बाद पुलिस अधिकारियों शिवरतन गोदारा, विक्की नागपाल, रामकुमार लेघा, पवन चौधरी के द्वारा काफी देर तक समझाइश के प्रयासों के बाद किसान सभा स्थल वापस लौट आए। इससे प्रशासन को कुछ राहत महसूस हुई। लेकिन इसके बाद किसानों ने सभा स्थल से की अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा कर दी। प्रशासन को जल्द मांगें पूरी नहीं होने पर अल्टीमेटम भी दे दिया कि 2 जुलाई को प्लांट की कोल लाइन पर कब्जा करेंगे। यह घोषणा संघर्ष समिति के संयोजक राकेश बिश्नोई ने की।

सूरतगढ़ थर्मल की हैं कुल 8 इकाई
गौरतलब है कि सूरतगढ़ थर्मल की कुल 8 इकाई हैं। जिनसे कुल 2820 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। थर्मल से बिजली उत्पादन में रोजाना 35000 टन कोयले की आवश्यकता होती है। यदि किसानों द्वारा रेल की पटरी को जाम किया जाता है, तो थर्मल में कोयले की सप्लाई प्रभावित होगी जिससे पूरे राजस्थान में बिजली संकट छा सकता है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.