कैसे लगी कोरोना वैक्सीन के फॉर्मूले में सेंध!

वैक्सीन बनाने वाली अमेरिका की कंपनी फाइजर इंक का कहना है कि उसने अपने कोरोना वैक्सीन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज यूरोप की एक टॉप दवा नियामक एजेंसी को भेजे थे। लेकिन एजेंसी पर साइबर अटैक कर उसके डाटा को हैक कर लिया गया है।

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यूरोप की टॉप दवा नियामक एजेंसी पर साइबर अटैक हुआ है। इस अटैक में कोरोना वैक्सीन का डाटा हैक किए जाने का दावा किया गया है। इससे कोरोना वैक्सीन बनाने में जुटी दवा कंपिनयों की चिंता बढ़ गई है। वैक्सीन बनाने वाली अमेरिका की कंपनी फाइजर इंक का कहना है कि उसने अपने कोरोना वैक्सीन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज यूरोप की एक टॉप दवा नियामक एजेंसी को भेजे थे। लेकिन एजेंसी पर साइबर अटैक कर उसके डाटा को हैक कर लिया गया है।

कंपनी ने दी जानकारी
फाइजर के साथ ही उसकी जर्मन साझेदार बायोएनटेक ने भी इस बारे में संयुक्त रुप से बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि यूरोपियन दवा एजेंसी ने यह जानकारी दी है कि उनके प्रयोगिक वैक्सीन के लिए सौंपे गए डाटा में  से कुछ को ईएमए के सर्वर पर संग्रहित किया गया था, उन्हें गैरकानूनी रुप से हैक कर लिया गया है।

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कोई भी प्रणाली प्रभावित नहीं
दवा कंपनियों ने दावा किया है कि इस अटैक से उनकी कोई भी प्रणाली पर असर नहीं पड़ा है। फाइजर और बायोएनटेक ने कहा कि ईएमए ने उन्हें जानकारी दी है कि इस अटैक का टीका समीक्षा के समय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा यूरोपियन नियामक पहले से ही रोलिंग के आधार पर क्लिनिकल ट्रायल डाटा का मूल्यांकन कर रहा है और 2020 के अंत तक इसे हरी झंडी मिलने की संभावना है। इस बीच फाइजर के शेयर पर असर हुआ है। 9 दिसंबर को न्यूयॉर्क में 1.7 फीसदी की गिरावट के साथ उसके शेयर 14-85 पर बंद हुए।

अटैक की जांच शुरू
ईएमआई ने अपने बयान में कहा है कि साइबर अटैक की जांच शुरू कर दी गई है। उसने कानून और प्रवर्तन के साथ ही अन्य सभी संस्थाओं के साथ मिलकर जांच शुरू की है।

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मॉडर्ना को जानकारी नहीं
एक अन्य अमेरिकन दवा कंपनी मॉडर्ना ने कहा है कि उसे डाटा हैक किए जाने के बारे में यूरोपीय नियामक से कोई सूचना नहीं मिली है। मॉडर्ना भी कोरोना वैक्सीन का निर्माण कर कर रही है। हालांकि वह फिलहाल फाइजर के मुकाबले पीछे है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा है कि वो उनके साथ काम कर रहे हैं और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। प्रवक्ता का दावा है कि मॉडर्ना साइबर अटैक को लेकर बहुत ही सतर्क है। बता दे कि फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना की दो खुराक वैक्सीन, एक नई तकनीकी पर आधारित है। इसे मैसेंजर आरएनए कहा जाता है। इस कंपनी ने भी कंडीशनल मार्रकेटिंग ऑथराइजेशन के लिए ईएमए से संपर्क किया है।

कनाडा में टीकाकरण की मंजूरी
ब्रिटेन औऱ बहरीन के बाद अब कनाडा ने भी फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी दी है। कनाडा में भी फाइजर की वैक्सीन  लोगों को जल्द ही दी जाएगी। कनाडा की हेल्थ मिनिस्ट्री ने दावा किया है कि दिसंबर में उसे करीब ढाई लाख खुराक मिल जाएगी। बता दें कि विश्व के सभी देशोंं के साथ ही भारत भी कोरोना के कहर से बचने के लिए जल्द से जल्द टीकाकरण शुरू करना चाहता है।

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