दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लांड्रिंग के मामले के आरोपित और दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर सुनवाई के दौरान ईडी को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि ईडी जिन तीन कंपनियों का नाम ले रहा है, उस कंपनी के सत्येंद्र जैन डायरेक्टर ही नहीं हैं तो उन्हें आरोपित कैसे बनाया। कोर्ट ने ईडी से पूछा कि क्या ईडी इस तरीके से काम करता है। कोर्ट ने कहा कि फोटो कॉपी को वैध साक्ष्य नहीं माना जा सकता है।
राऊज एवेन्यू कोर्ट ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर सुनवाई कर रहा है। 27 जुलाई को ईडी ने सत्येंद्र जैन समेत छह आरोपितों और चार कंपनियों को आरोपित बनाया है। ईडी ने चार्जशीट में जिन्हें आरोपित बनाया है, उनमें सत्येंद्र जैन, सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन, सत्येंद्र जैन के करीबी वैभव जैन, अंकुश जैन, सुनील कुमार जैन, अजित कुमार जैन के अलावा अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल कंपनी के नाम शामिल हैं।
इस मामले में सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन पहले से न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में सत्येंद्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था जबकि वैभव जैन और अंकुश जैन को 1 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। ईडी के मुताबिक इस मामले में कैश दिल्ली में दिया गया। ये कैश कोलकाता में हवाला के जरिये एंट्री आपरेटर्स तक पहुंचा। ये एंट्री आपरेटर्स कंपनियों में शेयर खरीद कर निवेश करते थे। ये फर्जी कंपनियां थीं। इन फर्जी कंपनियों में निवेश कर काले धन को सफेद बनाया जा रहा था। पैसों से जमीन खरीदने का काम किया गया। प्रयास नामक एनजीओ के जरिये कृषि भूमि खरीदी गई।
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