कोरोना कालः न डॉक्टर, न नर्स, कौन करे इलाज!

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मुंबई। कोरोना महामारी के इस दौर में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की भारी कमी हर जगह देखी जा रही है। इस वजह से मरीजों के इलाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों से इस तरह की शिकायतें बीच-बीच में मिलती रही हैं।
फिलहाल महाराष्ट्र की पुणे जिला परिषद में पिछले कई महीनों से डॉक्टरों और नर्सों के 582 पद खाली पड़े हैं। कई बार विज्ञापन देने के बावजूद परिषद को डॉक्टर और नर्स नहीं मिल पा रहे हैं। अब हारकर पुणे जिला परिषद ने इन पदों के लिए केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश औ तमिलनाडु में इसके लिए विज्ञापन देने का निर्णय लिया है। इस तरह के विज्ञापन देनेावाला पुणे देश में पहली जिला परिषद होगी।
कई बार विज्ञापन देने के बावजूद नहीं मिले डॉक्टर-नर्स
अधिकारियों ने दावा किया है कि महाराष्ट्र में कई बार विज्ञापन देने के बावजूद इन पदों को लिए डॉक्टर और नर्स नहीं मिल पाए हैं। हालांकि अबतक 1132 पदों पर डॉक्टरों और नर्सों की नियु्क्ति की जा चुकी है, लेकिन अभी भी 582 पद रिक्त पड़े हैं।इनमें 260 डॉक्टर और 299 नर्सों के पद शामिल हैं।
इससे पूर्व यूनियनों ने किया था विरोध
हम आपको बता दें कि इस तरह की समस्या मुंबई के भी कई अस्पतालों में देखने को मिली थी। तब प्रशासन ने जब दूसरे राज्यों से स्वास्थ्यकर्मियों को लाने का प्रयास किया था तो महाराष्ट्र के स्वास्थ्यकर्मियों के संगठन ने प्रशासन के इस निर्णय का विरोध किया था।
अधिकांश प्रदेशों में यही हाल
कोराना संक्रमण के काल में यह समस्या देश के अधिकांश प्रदेशों में है। देश की राजधानी दिल्ली में भी ज्यादातर अस्पतालों में डॉक्टरों के साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों की भारी कमी है। यही हाल उत्तर प्रदेश,बिहार, गुजरात आदि राज्यों में भी है। इस वजह से कोरोना मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाने से उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की खबरें आ रही हैं। कई अस्पतालों में तो समय पर मरीजों को इलाज नहीं मिलने से वे दम भी तोड़ चुके हैं। इस वजह से उनके परिजनों के हिंसक होने की घटनाएं भी काफी बढ़ गई हैं।
यूपी के चार निजी अस्पतालों में भर्ती सभी कोरोना मरीजों की मौत
हाल ही में उत्तर प्रदेश के चार मशहूर अस्पतालों में भर्ती सभी 48 कोरोना मरीजों ने दम तोड़ दिया था। मामले की जांच अभी भी जारी है।इस तरह की घटनाएं जहां डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों में कोरोना महामारी के डर के कारण बढ़ रही हैं, वहीं स्वास्थ्यकर्मियों की कमी भी इसकी एक वजह है।
अभी तक 400 स्वास्थ्यकर्मियों की गई जान
दरअस्ल कोरोना संक्रमण से अभी तक 400 से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग संक्रमित हो चुके हैं। इसलिए ऐसे समय में कोई रिस्क लेने को तैयार नहीं है और जिनके पास जॉब नहीं है, वे भी नौकरी के लिए आवेदन करने से बच रहे हैं।
कोविड-19 के नए मामलों में वृद्धि जारी
इस बीच भारत में कोविड-19 के नए मामलों की संख्या में वृद्धि जारी है। गुरुवार सुबह 8 बजे जारी किए गए स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 63,12,585 पहुंच गई है, जबकि पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना से संक्रमण के 86,821 नए मामले आए हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना से 1181 लोगों की मौत हो गई। देश में घातक कोरोना वायरस से अब तक 98,678 लोगों की मौत हो चुकी है।संक्रमित मरीजों की संख्या के हिसाब से अमेरिका के बाद भारत दुनिया में सबसे प्रभावित देश है।

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