भ्रष्टाचार के मामले में सर्वोच्च फैसला, भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसना हुआ आसान

सर्वोच्च न्यायालय ने लोक सेवको के लिए भ्रष्टाचार मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।

104

सर्वोच्च न्यायालय ने अहम फैसले में कहा है कि किसी लोक सेवक के खिलाफ रिश्वत मांगने का कोई सीधा सबूत न होने के बावजूद उसे सिर्फ परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर भी भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दोषी ठहराया जा सकता है। जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने ये फैसला सुनाया है।

दूसरे सबूत भी महत्वपूर्ण
संविधान बेंच में जस्टिस एस अब्दुल नजीर के अलावा जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एसएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और जस्टिस बीवी नागरत्ना शामिल थीं। जस्टिस बीवी नागरत्ना ने फैसला सुनाते हुए कहा कि लोक सेवक या अधिकारी के खिलाफ रिश्वत मांगने, लेने या देने का आरोप सिद्ध होना चाहिए। पांच जजों की संविधान बेंच ने माना है कि जांच एजेंसी की तरफ से जुटाए गए दूसरे सबूत भी मुकदमे को साबित कर सकते हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.