पाकिस्तान में फिर चीनी नागरिकों पर हमला! अब क्या करेगा बीजिंग?

दो हफ्ते पहले 14 जुलाई को दासू डैम के कर्मचारियों की बस में विस्फोट होने से कम से कम 13 लोग मारे गए थे। उनमें 9 चीनी इंजीनियर भी शामिल थे।

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खैबरपख्तूनख्वा के दासू में बस विस्फोट में मारे गए चीनी इंजीनियरों के मामले में अपने दोस्त चीन की जबरदस्त नाराजगी झेल रहे पाकिस्तान में एक बार फिर चीनी नागरिकों को निशाना बनाया गया है। 28 जुलाई को कराची में बाइक सवार हमलावरों ने दो चीनी नागरिकों को गोली मार दी। दोनों को घायल अवस्था में कराची के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पाकिस्तान में चीन के दो नागरिकों पर यह हमला ऐसे समय में किया गया है, जब चीन ने अपने नागरिकों की सुरक्षा देने में असफल रहने के लिए पाकिस्तान की इमरान सरकार को जोरदार फटकार लगाई है। इसके साथ ही विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को बीजिंग बुलाया गया था।

पाक को सलाह
ताजा घटना को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने एक बार फिर अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान को सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि चीनी नागरिकों और संपत्तियों की सुरक्षा जरुरी है। हालांकि उन्होंने पाकिस्तान को लेकर सरेआम किसी भी तरह का बयान जारी नहीं किया है और कहा है कि हमें चीनी नागरिकों और उनकी संपत्तियों की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान पर पूरा विश्वास है।

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पहले भी बनाया जा चुका है निशाना
बता दें कि दो हफ्ते पहले 14 जुलाई को दासू डैम के कर्मचारियों की बस में विस्फोट होने से कम से कम 13 लोग मारे गए थे। उनमें 9 चीनी इंजीनियर भी शामिल थे। इसके साथ ही अप्रैल 2021 में भी दक्षिणी-पश्चिमी पाकिस्तान के क्वेटा में एक होटल में विस्फोट हो गया था। उस समय घटनास्थल पर चीनी राजदूत भी मौजूद थे। इस धमाके में चार लोगों की मौत हो गई थी।

चीन ने जताई थी कड़ी नाराजगी
इन दोनों घटनाओं को लेकर चीन ने पाकिस्तान से कड़ी नाराजगी जताई थी। यहां तक कि दासू में बस विस्फोट की जांच के लिए चीन ने अपने अधिकारियों को पाकिस्तान भेज दिया था।

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बड़ी संख्या में चीनी अधिकारी व कर्मचारी तैनात
बता दें कि चीन ने पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर निवेश किया है और बड़ी संख्या में उसके कर्मचारी तथा अधिकारी वहां तैनात हैं। चीन ने पाकिस्तान को कई बार चेतावनी दी है कि उसे चीन के नागरिकों और संपत्तियों की किसी भी स्थिति में सुरक्षा करनी होगी। इस बीच कराची में दो चीनी नागरिकों को निशाना बनाया जाना पाकिस्तान को भारी पड़ सकता है।

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