विश्व के अधिकांश देशों में अभी भी कोरोना से ज्यादा राहत नहीं मिली है। वहीं, चीन के वुहान में फिर से कोरोना के मामले सामने आने लगे हैं। इससे डर और घबराहट का माहौल है। इस बीच कोविड19 वायरस की उत्पति की जांच करने विश्व स्वास्थ्य संगठन के 13 सदस्य वुहान में पहुंच गए हैं। लेकिन चीन ने उन्हें 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया है।
बता दें कि इस टीम में कुल 15 सदस्य थे। इनमें से सिंगापुर के दो सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए। उसके बाद बचे 13 सदस्य ही चीन पहुंच पाए। लेकिन उन्हें जांच करने देने की बजाय क्वारंटाइन कर दिया गया।
इस बारे में डब्ल्यूएचओ ने ट्विट कर जानकारी दी है। डब्लयूएचओ के मुताबिक इन सदस्यों को उनके गृह देश में कई बार पीसीआर और एंटीबॉडी की जांच हुई थी।
The international team of 13 scientists examining the origins of the virus that causes #COVID19 arrived in Wuhan, #China, today.
The experts will begin their work immediately during the 2 weeks quarantine protocol for international travelers.
— World Health Organization (WHO) (@WHO) January 14, 2021
चीन पर गंभीर आरोप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई देश कोरोना संक्रमण के लिए चीन को ही जिम्मेदार मान रहे हैं। इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ पर भी चीन के पक्ष लेने के आरोप लगाए जाते रहे हैं। साथ ही चीन के वुहान शहर को कोरोना वायरस की उत्पति स्थल माना जा रहा है और चीन पर इससे जुड़े तथ्य छुपाने तथा दुनिया को धोखे में रखने के आरोप लगते रहे हैं।
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एक बार फिर सामने आई चीन की चालबाजी
चीन में कोरोना संक्रमण के प्रकोप होने के करीब एक साल बाद जब डब्ल्यूएचओ और संयुक्त राष्ट्र की टीम जांच करने पहुंची तो उसे क्वारंटाइन कर दिया गया। इस हालत में एक बार फिर दुनिया भर के देशों ने चीन को संदेह की नजर से देखना शुरू कर दिया है।