छत्तीसगढ़: इलाज में लापरवाही बरते जाने के मामले में चार डॉक्टर्स सहित सात के खिलाफ एफआईआर दर्ज

इस मामले में परिजनों की शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों और लिपिक कर्मचारी का संयुक्त जांच दल गठित कर सीएमएचओ की ओर से विभागीय जांच करवाया गया।

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भिलाई-3 के सिद्धिविनायक अस्पताल में 10 माह के बच्चे की मौत के मामले में, जांच के बाद इलाज में लापरवाही बरते जाने के मामले में चार डॉक्टर्स सहित सात के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। जांच के आधार पर 17 नवंबर की शाम इनके खिलाफ धारा 304 के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए सिद्धिविनायक हॉस्पिटल का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है। अस्पताल प्रबंधन पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

भिलाई पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार देव बलौदा निवासी महेश कुमार वर्मा ने अपने नाती शिवांश वर्मा को सर्दी-खांसी होने पर 27 अक्टूबर को सिद्धिविनायक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया था।

सिद्धिविनायक अस्पताल में डॉ.एस.आर. प्रसाद की ओर से बच्चे की सांस ज्यादा चलने की बात बता आई सी यू में भर्ती कर ऑक्सीजन देना शुरू कर दिया गया। अगले दिन एक्स-रे के बाद फेफड़े में कफ बता दवाई दी गई।31 अक्टूबर को डॉक्टर की गैरमौजूदगी में नर्स ने इंजेक्शन लगाया और सुबह शिवांश ने दम तोड़ दिया।

इस मामले में परिजनों की शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों और लिपिक कर्मचारी का संयुक्त जांच दल गठित कर सीएमएचओ की ओर से विभागीय जांच करवाया गया।

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इलाज में लापरवाही बरतने से मौत
जांच में अस्पताल प्रबंधक के चिकित्सक अधिकारी डॉ.संमीत राज प्रसाद, आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ.दुर्गा सोनी, डॉ. हरिराम यदु, डॉ. गिरीश साहू एवं पैरामेडिकल स्टाफ कुमारी विभा साहू, आरती साहू, कुमारी निर्मला यादव के द्वारा शिवांश वर्मा के इलाज में लापरवाही बरतने से मौत होना पाया गया।

पुलिस ने जांच के बाद सिद्धिविनायक हॉस्पिटल के डॉ संमीत राज प्रसाद, डॉ दुर्गा सोनी, डॉ हरिराम यदु, डॉ गिरीश साहू,विभा साहू, आरती साहू, निर्मला यादव के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है।

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