2019 से 2021 तक 1,811 संगठनों के प्रमाण पत्र रद्द किए जाने की जानकारी लोकसभा में दी गई है। विदेशी चंदा अधिनियम एपसीआरए के तहत पंजीकरण प्रमाण पत्र रद्द किए गए हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी टीएमसी सांसद सौगात राय के एक प्रश्न के लिखित जवाब में दिया है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री राय ने बताया कि एफसीआरए, 2010 के प्रावधानों के उल्लंघन के मामले में तीन वर्ष यानी 2019 से 2021 तक 1811 संगठनों के पंजीकरण रद्द कर दिए गए हैं।
आपातकाल के दौरान बनाया गया था एफसीआरए
केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि आंतकी गतिविधियों के बारे में जानकारी मिलने पर एफसीआरए- 2010 और वर्तमान कानूनों के तहत कार्रवाई की जाती है। एफसीआरए को 1976 में आपातकाल के दौरान बनाया गया था। उन दिनों आशंका जताई गई थी कि विदेशी ताकतें स्वतंत्र संगठनों के जरिए देश में चंदा भेजकर भारत के खिलाफ काम कर रही हैं। इस पर 1969 में ही संसद में चर्चा हुई थी।
2010 में किया गया संशोधन
एफसीआरए के तहत व्यक्तियों और संगठनों को विदेश से मिलने वाले चंदे को विनियमित करने का प्रावधान है। इसका उद्देश्य यह था कि जो संगठन विदेशों से चंदा ले रहे हैं, वे देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुसार काम करें। 2010 में यूपीए सरकार ने इसमें संशोधन किया था। इसमें विदेशों से प्राप्त धनों के उपयोग को लेकर कानून बना गए थे। तब सरकार ने एनजीओ द्वारा विदेशी धन की प्राप्ति और उपयोग पर सख्य नियंत्रण और जांच की अनुमति दी थी।