महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख का एक सहयोगी सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन की जांच के दायरे में आ गया है। इसके कारण अब देशमुख की परेशानी में बढ़ोत्तरी हो सकती है। प्रकरण सीबीआई के जांच अधिकारी को रिश्वत देने से संबंधित है। सीबीआई ने प्रकरण में रिश्वत लेने के आरोप में अपने एक उप निरीक्षक को गिरफ्तार भी किया है।
इस प्रकरण में सीबीआई द्वारा बुधवार शाम को अनिल देशमुख के दामाद गौरव चतुर्वेदी और अधिवक्ता आनंद डागा को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की जानकारी सूत्रों से मिली थी। परंतु, गौरव चतुर्वेदी के विरुद्ध केंद्रीय जांच एजेंसी को कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले जिसके बाद उन्हें छो़ दिया गया। वहीं अधिवक्ता आनंद डागा से एजेंसी ने पूछताछ जारी ऱखी। इस प्रकऱण में रिश्वत स्वीकारने के आरोप में अभिषेक तिवारी नामक उप निरीक्षक को गिरफ्तार किया गया है। प्रयागराज और दिल्ली में सर्च ऑपरेशन भी सीबीआई कर रही है।
प्राथमिक जांच मैनेज
सूत्रों की जानकारी के अनुसार 100 करोड़ रुपए की धन उगाही करने के लिए दबाव बनाने के प्रकरण में बॉम्बे उच्च न्यायालय में सीबीआई को प्राथमिक अहवाल सादर करने का आदेश दिया था। अब जो जानकारी सूत्रों से मिली है, उसके अनुसार इस प्राथमिक रिपोर्ट को मैनेज करने के लिए सीबीआई के अधिकारी को रिश्वत दी गई थी। इस प्रकरण की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई के सूत्रों के अनुसार यह रिश्वत प्राथमिक रिपोर्ट बनानेवाले एक अधिकारी को दी गई है। यह रिश्वत किसने दी? कैसे दी गई? इसकी जांच जारी है।
पूर्व पुलिस आयुक्त न लगाया था आरोप
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए थे। पत्र के अनुसार, वर्तमान में निलंबित और गिरफ्तार सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे जब क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के प्रमुख थे, तब कुछ महीनों में (तत्कालीन) गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कई बार उसे ज्ञानेश्वर स्थित अपने आवास पर बुलाया था और हर महीने 100 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था। बता दें कि बॉम्बे उच्च न्यायालय ने सीबीआई को इस मामले की जांच करने और पंद्रह दिनों में प्रथामिक रिपोर्ट दायर करने का आदेश दिया था। उसी आदेश के तहत सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया। अब इस मामले की जांच में ईडी भी शामिल हो गई है।