“बोल देना नशे में था”- हिस्ट्रीशीटर सलमान चिश्ती को डीएसपी ने दी थी सलाह, अब गिरी ऐसी गाज

वीडियो सामने आने के बाद पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने ट्वीट किया। इसमें उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की पुलिस एक अपराधी को समझा रही है।

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अजमेर दरगाह के खादिम हिस्ट्रीशीटर सलमान चिश्ती को नसीहत देने वाले डीएसपी संदीप सारस्वत को आईजी रेंज अजमेर रूपेंद्र सिंह परिहार ने बुधवार रात एपीओ कर जयपुर भेज दिया। भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा का सिर काटकर लाने वाले को अपना मकान देने का ऐलान करने वाले सलमान चिश्ती को पुलिस ने 5 जुलाई की रात गिरफ्तार किया गया था। डीएसपी का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वे चिश्ती को यह कह रहे हैं कि बोलना नशे में था।

वीडियो सामने आने पर बवाल
खादिम सलमान चिश्ती की गिरफ्तारी के बाद एक वीडियो सामने आया, जिसे पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने ट्वीट किया था। देवनानी ने आरोप लगाया कि पुलिस नूपुर शर्मा की हत्या की मांग करने वाले अजमेर दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती को बचा रही है। बताया जा रहा था कि यह आरोपी को गिरफ्तार कर लाते समय का वीडियो था। इस दौरान पुलिस टीम में शामिल एक पुलिसकर्मी की आवाज आ रही है कि ऐसा कौन-सा नशा कर रखा था, वीडियो बनाते समय। वहीं, सलमान चिश्ती के पीछे चल रहे डीएसपी संदीप सारस्वत ने कंधे पर हाथ रखकर बोला कि- ऐसे बोलना कि नशे में था।

पूर्व शिक्षा मंत्री ने लगाया आरोपी को बचाने का आरोप
वीडियो सामने आने के बाद पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने ट्वीट किया। इसमें उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की पुलिस एक अपराधी को समझा रही है। बोल देना नशे में था, ताकि बच जाए। यह गहलोत सरकार की पुलिस खादिम को बचा रही है। हमें लगा अपराधी को सजा होगी।

अजमेर पुलिस को बताया दयालु
अजमेर नगर निगम के डिप्टी मेयर नीरज जैन ने भी ट्वीट कर अजमेर पुलिस को दयालु बताया। इस संबंध में सारस्वत ने कहा कि आरोपी नशे का आदी है। जब पकड़ा तो जोर-जोर से रोने लगा। मरने की धमकी देने लगा। ऐसे में उसे समझा- बुझाकर लाना पुलिस की जिम्मेदारी थी। थाने तक लाने के लिए उसे दिलासा देने के लिए ऐसा कहा गया।

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