मानवता का दुश्मन बोको हराम नाइजीरिया का एक आतंकी संगठन है। इसका आतंक उत्तरी अफ्रीका के कई देशों में फैला हुआ है। नाइजीरिया की सेना और पुलिस की ओर से 2009 में कट्टरपंथी संगठन बोको हराम के विरुद्ध ऑपरेशन शुरू किया गया था। तब से अब तक इस जिहादी विवाद में 36 हजार लोग मारे गए हैं, जबकि दो लाख से ज्यादा लोगों ने अपना घर छोड़ दिया है।
बोको हराम की क्रूरता की कहानी शुरू करने से पहले हम जानते हैं, संगठन के संबंध में महत्वपूर्ण बातेंः
- बोको हराम अरबी शब्द है। इसका मतलब है पश्चिमी शिक्षा हराम है।
- इस संगठ का औपचारिक नाम जमात-ए-एहले सुन्नी लिदावती वल जिहाद है। इन अरबी शब्दों का अर्थ है, जो लोग पैगंबर मोहम्मद की शिक्षा में और जिहाद फैलाने में यकीन रखते हैं।
- इस संगठन का केंद्र नाइजीरिया का मेदुगुरी शहर रहा है। वहीं इसका मुख्यालय हुआ करता था।
- 1903 में उत्तरी नाइजीरिया, निजेर और दक्षिणी केमरुन के इलाके जब से ब्रिटेन ने अपने नियंत्रण में लिए, तब से वहां पश्चिमी शिक्षा का विरोध जारी है।
- 2002 में बोको हराम का गठन हुआ। इसके संस्थापक नाईजीरियाई मुस्लिम नेता मोहम्मद यूसुफ थे।
- बोको हराम का मकसद बच्चों को पश्चिमी शिक्षा से दूर कर इस्लामिक शिक्षा देना है। इस संगठन का राजनैतिक मकसद इस्लामिक स्टेट गठन है।
- 2009 में बोको हराम ने सरकारी इमारतों पर हमले शुरू किए थे। तबसे नाइजीरियाई पुलिस और बोको हराम के बीच विवाद जारी है।
- सरकारी इमारतों पर हमले के बाद दोनों के बीच जो जंग शुरू हुई है, उसे विराम तब मिला जब पुलिस ने बोको हराम के मुख्यालय पर उसके संस्थापक यूसुफ को मार डाला।
- ये संगठन 2010 में एक बार फिर शुरू हुआ। उस वक्त कुछ गिने-चुने लोगों ने जेल पर हमला कर अपने साथियों को छुड़ाया। तब से आंतक फैलाना ही इस संगठन का मकसद बन गया।
- बोको हराम अब न सिर्फ नाइजीरिया तक सीमीत है, बल्कि उसने विस्तार कर पड़ोसी देशों में भी हमले शुरू कर दिए हैं।
- बोको हराम यूं तो अबतक सैकड़ों स्कूली बच्चों का अपहरण कर चुका है। लेकिन उसने 300 लड़कियों का अपहरण कर दहशत फैला दी थी।
- आर्म्ड कनफ्लिक्ट लोकेशन एंड इवेंट डेटा प्रोजेक्ट के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2014 में 6,347 लोग मारे गए थे।
बोको हराम के जेहादियों ने बांधकर मार दिए 110 गरीब किसान
एक ताजा मामले ने बोको हराम को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने दावा किया है कि बोको हराम के जेहादियों ने पूर्वोत्तर नाइजीरिया में 110 लोगों की जान ले ली। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय समन्वयक ने कहा कि बोको हराम के लड़ाकों ने नाइजीरिया में इन निर्दोष नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया। 28 नवंबर को इन मजदूरों को पहले उन्होंने बांध दिया। उसके बाद गला काटकर उनकी हत्या कर दी।
काम की तलाश में आए थे किसान
मृतक पश्चिमोत्तर नाइजीरिया में सोकोतो राज्य के मजदूर थे। वे लगभग 1,000 किलोमीटर दूर से आए थे और काम की तलाश में थे। हमले में 6 लोग घायल हो गए हैं और आठ लापता हैं।
राष्ट्रपति मोहम्मद बुहारी ने जताया शोक
नाइजीरिया के राष्ट्रपति मोहम्मद बुहारी ने इस नरसंहार की निंदा ने की है। उन्होंने कहा कि मैं आतंकियों द्वारा किसानों की हत्या किए जाने की निंदा करता हूं। इन हत्याओं से पूरा देश दुखी है। मेरी संवेदनाएं, दुख की घड़ी में पीड़ितों के परिवारों के साथ है। ईश्वर मृतकों की आत्मा को शांति दे।
दुनिया का क्रूरतम आतंकी संगठन
13 जून 2020 को इस्लामिक स्टेट इन वेस्ट अफ्रीका नाम के आतंकी संगठ ने नाइजीरिया के उत्तरी-पूर्वी हिस्से में स्थित बोरनो स्टेट में दो हमले किए। इन हमलों मे 60 लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हो गए। यह बोको हराम का ही हिस्सा है। इससे पहले जून 20202 के पहले हफ्ते में भी नाइजीरिया के गुबियो गांव में हमला कर संगठन ने 69 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।
300 लड़कियों का किया अपहरण
14 अप्रैल 2014 को रात में नाइजीरिया के चिबूक गांव के गर्ल्स होस्टल में सो रही 300 लड़कियों को किडनैप कर लिया गया था। बच्चियों को छोड़ने के लिए आतंकी अपने साथियों की रिहाई चाहते थे। इस घिनौनी हरकत से उसकी खूब बदनामी हुई और यह दुनिया का क्रूरतम आतंकी संगठन बन गया।
फिदायीन हमले में मारे गए थे 23 लोग
26 अगस्त 2011 को संगठन का एक फिदायीन विस्फोटकों से भरे एक गाड़ी लेकर नाइजीरिया की राजधानी अबुजा के संयुक्त राष्ट्र के कंपाउड में घुस गया। इस धमाके में 23 लोग मारे गए और 80 से ज्यादा लोग घायल हुए। इस हमले की जिम्मेदारी बोको हराम ने ली थी।
इनसे मिलती है मदद
- इस्लामिक स्टेट आतंकियों को ट्रेनिंग दे रहा है।
- सोमालिया स्थित आतंकी संगठन अल शबाब के साथ जुड़े हैं तार
मौजूदा स्थिति
पिछले 10 साल में बोको हराम ने 36 हजार से ज्यादा लोगों की हत्याएं की है, 20 लाख से ज्यादा नाइजीरियाई लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। नाइजिरिया सरकार के तमाम दावों के बावजूद बोको हराम को अब तक हराया नहीं जा सका है। बल्कि सरकार और बोको हराम की लडाई में आतंकियों के पास बेहतर और आधुनिक हथिार हैं। इतनी लड़ाई लड़ने से सेना का मनोबल गिरता जा रहा है।
भारतीय नागरिकों की स्थिति
यहां आम तौर पर भारतीय रेलवे या टेक्स्टाइल मिलों में काम करने के लिए मजदूर के रुप में आते हैं। क्योंकि वो इस काम में दक्ष होते हैं और भारत के मुकाबले यहां ज्यादा कमाई करते हैं। फिलहाल अप्रवासी भारतीयो का समुदाय काफी बड़ा हो चुका है। इनमें से कई मध्यवर्गीय बन गए हैं। भारतीय लोगों का रंग भी मूल नाइजीरियनों से अलग होने से उनके अगवा किए जाने या निशाना बनाए जाने का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए वे बाहर कम निकलते हैं। स्थानीय लोगों का उनके साथ दोस्ताना व्यवहार रहता है। हर स्कूल में कम से कम एक शिक्षक भारतीय होते हैं। इस वजह से नाइजीरियन लोग भारत और भारतीय लोगों से जुड़े हैं।
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