अब आ गया ब्लैक फंगल डिजीज!

अहमदबादा में इस बीमारी के 44 मामले सामने आए हैं। इनममें से 9 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि कुछ लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है।

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देश में कोराना का कहर भले ही कम हो गया है लेकिन अभी भी इसके खतरे को कमतर नहीं आंका जा सकता। इस बीच एक और जानलेवा बीमारी ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। इस बीमारी का नाम म्यूकॉरमाइकोसिस बताया जा रहा है। यह एक दुर्लभ प्रकार का ब्लैक फंगल संक्रमण है। इसके मरीज गुजरात के अहमदाबाद, मुंबई और दिल्ली में पाए गए हैं।

अहमदाबाद में 9 लोगों की मौत
अहमदबादा में इस बीमारी के 44 मामले सामने आए हैं। इनममें से 9 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि कुछ लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है। दिसंबर 2020 की शुरुआत में श्री गंगाराम अस्पताल के ईएनटी सर्जन ने कोविड-उत्प्रेरित म्यूकॉरमाइकोसिस के मामले देखे हैं। अस्पताल द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि ब्लैक फंगल या म्यूकॉरमाइकोसिस बीमारी वैसे तो लंबे समय तक आईसीयू में रहने और कमजोर प्रतिरक्षा के कारण होती हैं। लेकिन हाल ही में कोविड-19 से स्वस्थ हो चुके लोगों में भी इस बीमारी का पता चला है। इस वजह से डॉक्टरों की चिंता बढ़ गई है। अस्पताल ने कहा है कि पिछले 15 दिनों में ईएनटी सर्जन्स ने कोविड-19 के मरीजों में इसके 13 मामले पाए हैं। इनमें कई की आंखों की रोशनी चली गई है। इस बीमारी में नाक और जबड़े की हड्डी निकालनी पड़ती है।

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क्या है ब्लैक फंगल बीमारी?
यह गंभीर और दुर्लभ फंगल संक्रमण है, जो म्यूकॉरमाइकोसिस नामक मोल्ड्स के कारण होता है। ये मोल्ड्स प्राकृतिक तौर पर वायुमंडल में मौजूद रहते हैं। आम तौर पर इस संक्रण की शुरुआत नाक से होती है और आंखों तक फैल जाती है। हालांकि मरीज अगर समय पर इलाज करा लेता है तो इससे ठीक भी हो सकता है। लेकिन अगर इसके इलाज में देर होने पर यह जानलेवा हो सकती है।

आंख की पुतलियों के आसपास के हिस्सों मे मार जाता लकवा
संकमण बढ़ जाने पर आंख की पुतलियों के आसपास के हिस्सों मे लकवा मार जाता है। इससे आखों क रोशनी तक जा सकती है। अगर संक्रमण दिमाग तक फैल जाता है तो इससे मैनिजाइटिस तक हो सकता है। इस हालत में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आसपास की झिल्ली( मेंब्रेन) में सूजन आ जाती है। सीडीसी का कहना है संक्रमण अधिकतर लोगों में खतरनाक नहीं होता है, लेकिन जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है, उनके फेपड़ों और साइनस तक में यह पहुंच जाता है। बाद में यह शरीर के अन्य अंगों में भी फैल जाता है। हालांकि यह एक व्यक्ति से दूसरे में फैलनेवाली बीमारी नहीं है।
इसके मामले दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में और मुंबई में भी सामने आए हैं। अहमदाबाद में 44 मरीज पाए गए। इनमें नौ लोगों की मौत हो गई। दिल्ली में बीते दो सप्ताह में 10 केस मिले। इनमें से 50 प्रतिशत लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। पांच मरीजों की गहनता से देखभाल की जा रही है। अहमदाबाद में सभी मामले 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में दर्ज हुए है, जिन्हें डायबिटीज और अन्य बीमारियां भी हैं।

बीमारी के लक्षण

  • नाक बंद होना, नाक का अंदर से सूख जाना
  • आंखों और गालों पर सूजन

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