पुणे के कसबा पेठ विधान सभा की विधायक मुक्ता तिलक का असामयिक निधन हो गया। वे लंबे काल से बीमार चल रही थीं। विधान सभा की कार्रवाइयों में भी जब भी आवश्यकता पड़ी वे एम्बुलेन्स की सहायता से उपस्थित हुई थीं।
मुक्ता शैलेष तिलक पुणे की पहली महिला महापौर थीं। वे वर्ष 2017 से 2019 के बीच के महापौर थीं। वे सदाशिव नारायण पेठ के प्रभाग क्रमांक 15 से लगातार चार बार पुणे महानगर पालिका की नगरसेविका रहीं। पुणे भाजपा की गटनेता, स्थाई समिति की सदस्य जैसे पदों पर कार्य किया। वर्ष 2019 के विधान सभा चुनावों में उन्हें भाजपा ने टिकट दिया तो कसबा पेठ विधान सभा सीट से चुनाव लड़ा और विजय प्राप्त की।
लोकमान्य तिलक के परिवार से संबंध
मुक्ता तिलक के पति शैलेष तिलक लोकमान्य बाल गंगाधार तिलक के पौत्र हैं। पति पत्नी दोनों ही भारतीय जनता पार्टी में सक्रियता से कार्य करते रहे हैं। नेता के रूप में मुक्ता तिलक का नाम जनहित का कार्य करनेवाली जुझारू नेता के रूप लिया जाता रहा है। उन्होंने पुणे के भावे स्कूल से शिक्षण ग्रहण किया, फर्ग्यूसन विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षण प्राप्त किया और एमबीए भी किया।
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शुक्रवार को अंतिम संस्कार
मुक्ता तिलक का शव शुक्रवार सबेरे 9 से 10 बजे के बीच नायारण पेठ निवास स्थान पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। उसके बाद 11 बजे वैकुंठ धाम स्मशान भूमि में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
भाजपा नेताओं ने व्यक्त की संवेदना
Join Our WhatsApp Communityमुक्ता तिलक ने नगरसेवक, महापौर और विधायक के रूप में सफलता से जनसेवा की। शहर के राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन में वे सक्रिय थीं। वे लोकमान्य तिलक के घराने से थीं, जिसका उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से वहन किया। भाजपा का कार्य करते हुए उन्होंने संगठन सर्वोपरि माना। उनकी कार्यप्रणाली कार्यकर्ताओं के लिए उदाहरण है। उनका निधन संगठन के लिए बड़ी क्षति है। महाराष्ट्र की ओर से मैं श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
चंद्रशेखर बावनकुले, प्रदेशाध्यक्ष -भारतीय जनता पार्टी