Attari-Bagha Border: पाकिस्तान के विरूद्ध चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर(Operation Sindoor) के बाद 20 मई की शाम से दोबारा अटारी-बाघा बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी शुरू(Beating Retreat Ceremony begins) हो गई। अटारी के अलावा आज हुसैनीवाला तथा सादकी बॉर्डर पर भी झंडा उतारने की रस्म(Flag lowering ceremony) अदा की गई, लेकिन कहीं पर भी पर्यटकों की संख्या पहले जैसी नहीं(Number of tourists reduced) थी। भारत की तरफ से दो बड़े फेरबदल(Two major changes) किए गए हैं, जिसमें पहला, सेरेमनी के दौरान भारत की साइड से दरवाजे नहीं खोले गए और दूसरा, एक-दूसरे से हाथ मिलाने की रस्म भी नहीं हुई।
बीएसएफ जवानों के परिवार, मीडिया तथा प्रशासनिक अधिकारी रिट्रीट कार्यक्रम में शामिल हुए। पाकिस्तान के विरूद्ध चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद दर्शक दीर्घा का सन्नाटा मंगलवार को टूटा। आने वाले दिनों के लिए यह सकारात्मक संकेत है। आज यहां बीएसएफ की महिला बटालियन ने बैंड कार्यक्रम पेश किया, तो बीएसएफ के जवानाें ने साहस व देशभक्ति का परिचय दिया।
रिट्रीट शुरू होने के बावजूद भारतीय सेना में पड़ोसी के प्रति तल्खी तथा अविश्वास अभी भी कायम है, यही कारण रहा कि पहले की तरह से रुटीन में न तो जीरो लाइन का गेट खोला गया ना ही बीएसएफ और पाक रेंजर्स के बीच हाथ मिलाने की रस्म अदा हुई। पाक रेंजर्स ने भी बाघा सीमा की तरफ अपने हिस्से में आज रिट्रीट सेरेमनी का संचालन किया। पाकिस्तानी रेंजरों ने भी पहले ही तरह तय समय पर ही झंडा उतारने की रस्म अदा की।
भारत-पाक तनाव से पहले अटारी समेत तीनों सीमाओं पर रोजाना भारी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं और यहां अटारी बॉर्डर के बाहर बहुत से दुकानें भी लगती हैं। मंगलवार को शुरू हुई रिट्रीट के दौरान सुरक्षा कारणों के चलते बीएसएफ ने यहां गुब्बारे बेचने वाले, फेस पेंटिंग करने वालों को तय सीमा से आगे नहीं आने दिया।
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