Latur Birth Certificate Scam: महाराष्ट्र में बांग्लादेशी जन्म प्रमाण पत्र घोटाला उजागर, लातूर में दो हजार से ज्यादा Birth Certificate रद्द

महाराष्ट्र से बांग्लादेशी जन्म प्रमाण पत्र घोटाला का पर्दाफाश, लातूर नगर निगम ने 2,257 जन्म प्रमाण पत्र रद्द कर दिए।

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महाराष्ट्र (Maharashtra) के लातूर (Latur) से बांग्लादेशी (Bangladeshi) जन्म प्रमाण पत्र घोटाला (Birth Certificate Scam) सामने आया है। लातूर नगर निगम (Latur Municipal Corporation) में जन्म प्रमाण पत्र से जुड़ा एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है।प्रशासन ने हाल ही में जारी किए गए 2,257 जन्म प्रमाणपत्रों को रद्द कर दिया है, जिसके बाद महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर जांच शुरू हो गई है।

भाजपा नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया (Kirit Somaiya) द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर, यह जानकारी मिलने के बाद कार्रवाई की गई कि उक्त पत्र तहसीलदार, जिला कलेक्टर, लातूर के कार्यालय आदेश और निर्देश के अनुसार अवैध रूप से जारी किया गया था।

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लातूर पुलिस ने जांच तेज कर दी है
शुरुआती जांच में पाया गया कि कई प्रमाण पत्र आवश्यक दस्तावेजों और प्रक्रियाओं को दरकिनार करके अवैध रूप से जारी किए गए थे। इस मामले को गंभीर मानते हुए लातूर पुलिस ने जांच तेज कर दी है और जिन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है, उनकी जवाबदेही तय की जा रही है।

राज्य स्तर पर जांच शुरू
किरीट सोमैया द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सभी राज्यों में जन्म प्रमाण पत्र जारी करने वाले सभी विभागों में जांच शुरू कर दी गई है, जिससे बांग्लादेशी घुसपैठियों का पता चलने की उम्मीद है। किरीट सोमैया की शिकायत के बाद लातूर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई और उसके बाद नगर निगम ने इन प्रमाणपत्रों को रद्द करने की कार्रवाई की। सोमैया का दावा है कि लातूर ही नहीं, महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में करीब 50 हजार फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं, जिनकी जांच अब राज्य स्तर पर शुरू हो गई है।

नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत!
महाराष्ट्र के सभी जिला कलेक्टरों ने ऐसे 50,000 जन्म प्रमाण-पत्र रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नायब तहसीलदार ने ये प्रमाण पत्र अवैध रूप से जारी किये हैं। बताया जा रहा है कि ये फर्जी प्रमाण पत्र ज्यादातर नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारियों द्वारा जारी किए गए हैं। दस्तावेजों की वैधता को नजरअंदाज करना और बिना सत्यापन के प्रमाण पत्र जारी करना सीधे तौर पर कानून व्यवस्था और नागरिक डेटा की सटीकता को प्रभावित करता है।

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