महाराष्ट्र सरकार ने प्लास्टिक कोटेड और प्लास्टिक के परत वाले उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का अहम फैसला लिया है। सूबे में प्लास्टिक के उपयोग से उत्पन्न होनेवाली गंभीर समस्याओं को देखते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्लास्टिक प्रतिबंधित नियम में संशोधन करने का निर्देश दिया था। इसके तहत यह निर्णय लिया गया है।
देश का पहला राज्य
केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबंध पर सख्ती से अमल करने का निर्देश मुख्यमंत्री शिंदे ने दिया है। इस फैसले के बाद महाराष्ट्र सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। प्रदेश में प्लास्टिक प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए एक अधिकार प्राप्त समिति गठित की गई थी। इस समिति ने 7 जुलाई 2022 को हुई अपनी बैठक में महाराष्ट्र प्लास्टिक और थर्मोकोल उत्पाद अधिसूचना 2018 में संशोधन करने का निर्णय लिया था। इसके तहत राज्य सरकार ने 15 जुलाई, 2022 की अधिसूचना के माध्यम से प्लास्टिक कोटेड और प्लास्टिक परत वाले उत्पादों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
इन उत्पादों पर प्रतिबंध
इस संशोधन के बाद प्लास्टिक कोटिंग और प्लास्टिक लेमिनेटेड के साथ कागज या एल्यूमीनियम इत्यादि से बने डिस्पोजेबल डिश, कप, प्लेट, गिलास, कांटे, कटोरे, कंटेनर आदि के एकल उपयोग और इस्तेमाल किए गए उत्पादों पर अब प्रतिबंध होगा। इस प्रतिबंध के पीछे मुख्य उद्देश्य दैनिक कचरे में प्लास्टिक कचरे को कम करना है।
प्लास्टिक कोटेड के नाम खिलवाड़
प्रदेश के शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजाना कचरे में प्लास्टिक की मात्रा अधिक है और कचरे का विघटन करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। इस कचरे को जलाशयों और कचरा डिपो में फेंक दिया जाता है अथवा पुनर्प्रक्रिया संभव न होने के कारण इस कचरे को रात में सीधे जला दिया जाता है। वर्तमान में राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक में कप, प्लेट, कटोरी, चम्मच, कंटेनर आदि के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है। लेकिन मौजूदा समय में बाजार में डिश, कंटेनर, गिलास, कप इत्यादि जैसे कागज के नाम से प्लास्टिक कोटेड या प्लास्टिक के लैमिनेटेड का उपयोग बड़ी मात्रा में किया जा रहा है। इन सभी वस्तुओं में भी प्लास्टिक होता है। विघटन में घातक निकृष्ट दर्जे के प्लास्टिक के आक्रमण को रोकने के लिए इस प्रतिबंध का कदम उठाया गया है।