Kolkata: वजाहत खान को गिरफ्तार करने बंगाल के कोलकाता पहुंची असम पुलिस, आरोपी फरार

वजाहत खान पर असम पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें उन पर “उकसाने वाले” और “आपत्तिजनक” पोस्ट डालने का आरोप है, जो कथित तौर पर साम्प्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने वाले हैं।

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सोशल मीडिया पर भड़काऊ और धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले पोस्ट को लेकर विवादों में आए वजाहत खान (Wajahat Khan) पर अब कानून (Law) का शिकंजा कसता जा रहा है। ये वही वजाहत खान है, जिनकी शिकायत पर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पानोली (Sharmistha Panoli) को गिरफ्तार (Arrested) किया गया था। अब खुद आरोपों के घेरे में हैं।

असम पुलिस (Assam Police) की एक पांच सदस्यीय टीम बुधवार देर रात को वजाहत को गिरफ्तार करने कोलकाता (Kolkata) स्थित वजाहत के घर पहुंची, लेकिन वह वहां नहीं मिले। जानकारी के अनुसार, वजाहत खान रविवार दोपहर से लापता है। पुलिस ने वजाहत के पिता सआदत खान को भी पूछताछ के लिए तलब किया था, परंतु वे भी उस समय मौजूद नहीं थे।

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गार्डन रीच थाने में मामला दर्ज
वजाहत खान पर असम पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें उन पर “उकसाने वाले” और “आपत्तिजनक” पोस्ट डालने का आरोप है, जो कथित तौर पर साम्प्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने वाले हैं। कोलकाता में भी ‘श्रीराम स्वाभिमान परिषद’ नामक एक एनजीओ ने उनके विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर गार्डन रीच थाने में एक अलग मामला दर्ज हुआ है।

कोलकाता पुलिस ने वजाहत को इस सप्ताह दो बार सोमवार और मंगलवार को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन दोनों बार वो अनुपस्थित रहे। पुलिस ने पुष्टि की है कि वजाहत “फरार” हैं और उसकी तलाश जारी है।

गुरुग्राम से गिरफ्तार
वजाहत खान, जो ‘रशीदी फाउंडेशन’ का प्रमुख है, ने ही 22 वर्षीय शर्मिष्ठा पानोली के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद पानोली को पिछले सप्ताह गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक ऐसा वीडियो पोस्ट किया, जो कथित रूप से धार्मिक भावनाएं आहत करता है। उन्होंने अपने वीडियो में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बॉलीवुड सितारों की चुप्पी पर सवाल उठाए थे।

गिरफ्तारी प्रक्रिया पर उठे सवाल
शर्मिष्ठा पानोली की गिरफ्तारी ने राजनीतिक हलकों में बवाल खड़ा कर दिया। भाजपा नेताओं ने ममता बनर्जी सरकार पर “चयनात्मक कार्रवाई” का आरोप लगाया। वहीं पानोली के वकील मोहम्मद शमीमुद्दीन ने गिरफ्तारी की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसे “क़ानूनी नियमों की अवहेलना” और “जल्दबाज़ी में उठाया गया कदम” बताया।

देखें यह वीडियो – 

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