क्या थम जाएगा बुलडोजर का पहिया? विरोध में सर्वोच्च न्यायालय पहुंची मुसलमानों की ये संस्था, लगाया ये आरोप

देश के कई राज्यों में असामाजिक तत्वों को सबक सिखाने के लिए उनके घरों पर बुलडोजर की कार्रवाई जारी है। मुसलमानों की एक संस्था ने इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

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देश के कई राज्यों में बुलडोजर एक्शन के विरोध में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में हो रही कार्रवाई को अवैध बताया गया है। सभी राज्यों को इसे रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है।

याचिका में क्या है?
याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकारें बिना किसी कानूनी प्रक्रिया का पालन किए ही आरोपितों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई कर रही हैं। आपराधिक कानून में इस तरह का दंड दिए जाने का कहीं कोई प्रावधान नहीं है। ऐसा करना कानून का उल्लंघन है।

रोक लगाने की मांग
याचिका में कहा गया है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री समेत कई विधायकों और मंत्रियों ने आरोपितों के खिलाफ आपराधिक जवाबदेही संबंधी बयान दिया, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय को उनका घर तोड़ने की धमकी दी गई । याचिका में मांग की गई है कि न्यायालय की ओर से अपराधी करार दिए बिना ही राज्य सरकारों के मंत्रियों और पुलिस अधिकारियों की ओर से आरोपियों के खिलाफ आपराधिक जवाबदेही तय करने संबंधी सार्वजनिक बयान देने पर रोक लगाने की मांग की गई है।

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