कैद में रहेंगे देशमुख… रिहाई की आशाओं पर एक और धक्का

127

महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के लिए दुखदायी सोमवार रहा। सत्र न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका ठुकरा दी है, जिससे उनके कारागार में रहने की अवधि बढ़ गई है।

सौ करोड़ रुपए की वसूली के लिए दबाव बनाने और मनी लॉन्ड्रिंग के प्रकरण में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। मुंबई के आर्थर रोड कारागार में बंद अनिल देशमुख ने अपनी नियमित जमानत के लिए पीएमएलए न्यायालय में याचिका दी थी। जिस पर सुनवाई करते हुए विशेष पीएमएलए सत्र न्यायालय ने अनिल देशमुख की जमानत याचिका को अश्वीकार कर दिया है।

ये भी पढ़ें – विश्व युद्ध की आशंका? नाटो की दहलीज पर पहुंची रूस की मिसाइल

ऐसा है प्रकरण
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने 20 मार्च 2021 को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार को पत्र लिखकर अनिल देशमुख की शिकायत की थी। इसके अलावा अपनी शिकायत लेकर परमबीर सिंह अपनी शिकायत लेकर अदालत पहुंचे, जिसके बाद मुंबई उच्च न्यायालय ने सीबीआई को मामले की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया। इस घटना के बाद देशमुख को गृह मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।

सितंबर 2021 में, प्रवर्तन निदेशालय ने चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में देशमुख के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 174 (लोक सेवक के आदेश का पालन न करने) के समन का पालन न करने के लिए एक आवेदन दिया था, देशमुख को कुल पांच समन भेजे गए थे, परंतु वे पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में प्रस्तुत नहीं हुए थे। इससे पहले, 18 जुलाई को, ईडी ने नागपुर के पास कटोल में देशमुख के घर और वहीं के वाडविहिरा गांव में उनके परिवार के घर की तलाशी ली थी। अगले दिन, देशमुख ने एक वीडियो बयान जारी किया था और बताया था कि, एक बार सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका का नतीजा पता चलने के बाद, वह ईडी के सामने पेश होंगे और अपना बयान दर्ज कराएंगे।

जुलाई 2021 में, प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत देशमुख उनकी पत्नी आरती और परिवार की कंपनी, प्रीमियर पोर्ट लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर 4.20 करोड़ रुपये की संपत्ति भी अस्थायी रूप से कुर्क की थी। कुर्क की गई संपत्ति वर्ली में एक अपार्टमेंट के रूप में थी, जिसकी कीमत 1.54 करोड़ रुपये थी, और 2.67 करोड़ रुपये के बुक वैल्यू के 25 भूमि पार्सल, उरण के धूतुम गांव में स्थित थे।

प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉंडरिंग के आरोप में देशमुख और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत प्राथमिकी के आधार पर 11 मई 2021 को जांच शुरू की। इसके अंतर्गत मुंबई के बार, रेस्टारेंट और अन्य प्रतिष्ठानों से प्रति माह 100 करोड़ रुपये के धन संग्रह के लिए अपने सार्वजनिक कर्तव्य का उपयोग करके अनुचित और गलत लाभ प्राप्त करने का आरोप है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.