इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े विवाद में सुनवाई की। इस सुनवाई में न्यायालय ने मथुरा की स्थानीय न्यायालय को निर्देश दिया है, जिससे श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े सभी विवादों का निर्णय आसानी से हो जाएगा। इस निर्देश से श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर निर्णय की समय सीमा भी निर्धारित हो गई है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा स्थानीय न्यायालय को चार महीने के भीतर सभी विवादों पर निर्णय देने का निर्देश दिया है। उच्च न्यायालय ने सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य पक्षकारों के न्यायालय की सुनवाई में न समिल्लित होने की स्थिति में एक पक्षीय आदेश देने का निर्देश भी दिया है।
नारायणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। जिसमें पहली मांग की गई थी, मथुरा न्यायालय में चल रहे प्रकरण की सुनवाई प्रतिदिन की जाए। दूसरी मांग थी लंबित अन्य प्रकरणों पर शीघ्र निर्णय सुनाया जाए। तीसरी मांग विपक्षी पार्टियों की लगातार अनुपस्थिति की स्थिति में आदेश एक तरफा दिया जाए।
श्री कृष्ण जन्मस्थान और ईदगाह को लेकर नौ प्रकरण न्यायालय मे हैं। यह सभी प्रकरण मथुरा न्यायालय में ल रहे हैं। श्री कृष्ण जन्मस्थान में 13.37 एकड़ भूमि पर पहला दावा सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता रंजना अग्नहोत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया था। जिस पर जिला जज ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है, जिसकी तारीख 19 मई को है। इस प्रकरण में दायर की गई नौ याचिकाओं में नारायणी सेना, श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास, अखिल भारत हिंदू महासभा की याचिकाएं भी हैं।
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