Ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई और फायरिंग रोकने की घोषणा औपचारिक संघर्ष विराम नहीं बल्कि केवल एक आपसी समझौता है। आधिकारिक सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि समझौते में न कोई पूर्व शर्त रखी गई है, न ही कोई बाद की शर्त है। साथ ही भारत की ओर से दोनों देशों के बीच सिंधु जल संधि का स्थगन जारी रहेगा।
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के डीजीएमओ ने शनिवार दोपहर भारतीय डीजीएमओ को कॉल किया था। इसके बाद दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत हुई और यह समझ बनी कि जमीनी, समुद्री और हवाई मोर्चों पर सभी प्रकार की सैन्य कार्रवाई को रोका जाएगा।
हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस समझ के बाद किसी अन्य मुद्दे पर किसी तटस्थ स्थल पर बातचीत करने का फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है। इस घटनाक्रम के बीच, भारत ने अपनी स्थिति पर स्पष्टता बनाए रखी है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति में कोई नरमी नहीं लाई जाएगी।
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर फायरिंग और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के बीच विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपने कठोर और अडिग रुख से कोई समझौता नहीं करेगा।
इससे पहले आज एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट कर दिया गया कि भारतीय भूमि पर की गई कोई भी आतंकवादी गतिविधि अब सीधे तौर पर देश के विरुद्ध युद्ध मानी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान ने सीमा पर सभी प्रकार की सैन्य कार्रवाईयों को तत्काल रोकने पर सहमति व्यक्त की है। यह जानकारी भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शनिवार को एक पत्रकार वार्ता में दी।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने आज दोपहर 3:35 बजे भारतीय डीजीएमओ को कॉल कर दोनों देशों के बीच युद्धविराम पर चर्चा की।
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