Brahmos Missile: ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने की होड़ मची, कई देशों से आई मांग

भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल दुश्मनों को आगाह किया है, बल्कि दुनिया भर के रक्षा विशेषज्ञों और सैन्य रणनीतिकारों का ध्यान भारत की सैन्य ताकत, खासकर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की ओर भी खींचा है।

60

ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान भारत (India) की सैन्य शक्ति (Military Power) को देखकर दुनिया दंग रह गई थी। पाकिस्तान (Pakistan) और पाक अधिकृत कश्मीर (Pakistan Occupied Kashmir) में आतंकी ठिकानों (Terrorist Bases) पर कहर बरपाने ​​वाले ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारतीय सैन्य हथियार, मिसाइल, ड्रोन और लड़ाकू विमान लगातार सुर्खियों में हैं। खास तौर पर इस संघर्ष में पाकिस्तान के नाक में दम करने वाली भारत की सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस (Missile Brahmos) ऑपरेशन सिंदूर की सुपरहीरो बन गई है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रह्मोस मिसाइल की मांग अचानक बढ़ गई है।

बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को सीधा संदेश देने में ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल ने अहम भूमिका निभाई थी। इसके सफल प्रयोग ने भारत की सटीक हमला करने की क्षमता को सामने लाकर पाकिस्तान और उसमें शामिल आतंकी नेटवर्क को कड़ा संकेत दिया था। ब्रह्मोस मिसाइल एक बहुमुखी और दुर्जेय हथियार है, जिसे जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे यह कई मोर्चों से हमला करने में सक्षम है।

यह भी पढ़ें – Doha Diamond League 2025: नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में बनाया रिकॉर्ड, डायमंड लीग में जीता रजत पदक

भारत और रूस द्वारा निर्मित
डीआरडीओ और रूस के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया के बीच साझेदारी में विकसित यह सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस अपनी मारक क्षमता के कारण चर्चा में है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद कई देश भारत में विकसित ब्रह्मोस को अपनी सेना में शामिल कर अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं।

ब्रह्मोस मिसाइल क्या है?
ब्रह्मोस मिसाइल एक बहुमुखी और दुर्जेय हथियार है, जिसे जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे यह कई मोर्चों से हमला करने की क्षमता रखता है। ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली वर्तमान में भारत की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है। इसका पहला परीक्षण 12 जून, 2001 को किया गया था, और बाद में इसकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए इसे अपग्रेड किया गया था। सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस मैक 3 तक की गति से चल सकती है और इसकी मानक सीमा 290 किमी है, जो इसके उन्नत संस्करण में 500 किमी या 800 किमी तक बढ़ जाती है।

यह मिसाइल 300 किलोग्राम विस्फोटक ले जाने में सक्षम है। यह 15 किमी तक की ऊंचाई पर भी उड़ सकती है। यह जमीन से 10 मीटर ऊपर तक के लक्ष्यों पर हमला कर सकती है, जिससे यह सटीक हमलों के लिए बहुत प्रभावी है। आपको बता दें कि एक ब्रह्मोस मिसाइल की कीमत करीब 34 करोड़ रुपये है।

17 देश खरीदना चाहते हैं ब्रह्मोस मिसाइल
ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस मिसाइल को खरीदने के लिए देशों की कतार लग गई है। 17 देशों ने इस मिसाइल को खरीदने में रुचि दिखाई है। इंडोनेशिया ने इसके उन्नत संस्करण को खरीदने में रुचि दिखाई है। इसके साथ ही सिंगापुर, ब्राजील, चिली, अर्जेंटीना, थाईलैंड, वेनेजुएला, मिस्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, ओमान, दक्षिण अफ्रीका और बुल्गारिया समेत कई अन्य देश इस मिसाइल को खरीदने में रुचि रखते हैं। इनमें से कई देशों के साथ भारत का सौदा लगभग फाइनल हो चुका है।

देखें यह वीडियो – 

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.