2008 में मुंबई पर 26/11 के आतंकवादी हमलों ने दुनिया भर में हड़कंप मचा दिया था। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हो गए थे। इसे लेकर प्रशासनिक अधिकारियों पर जबरदस्त आ गया था। इस बीच, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के सचिव अशोक चतुर्वेदी ने हमले को रोकने में विफलता की जिम्मेदारी ली थी और उन्होंने अपना इस्तीफा तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंप दिया था। इतने सालों के के बाद कुछ सरकारी रिपोर्ट के दस्तावेजों से यह खुलासा हुआ है।
मुंबई पर 26/11 के आतंकवादी हमले पाकिस्तान के इशारे पर लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी संगठन द्वारा कराए गए थे। इसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भी शामिल थी। इस हमले में 166 भारतीय और विदेशी मारे गए थे। इसमें अमेरिका और इजराइल के नागरिक भी शामिल थे। यही कारण था कि इस हमले पर विदेशों में भी हलचल मच गई थी।
रॉ के सचिव ने दे दिया था इस्तीफा
इस हमले के बाद रॉ के सचिव अशोक चतुर्वेदी ने हमले को रोकने में नाकामी की जिम्मेदारी लेते हुए पीएम मनमोहन सिंह को इस्तीफा सौंप दिया था, हालांकि, मनमोहन सिंह ने जल्दबाजी में कोई फैसला किए बिना मामले की गहन जांच के निर्देश दिए थे। जांच में खुलासा हुआ था कि चतुर्वेदी ने जांच के दौरान मिली खुफिया जानकारी के आधार पर संभावित हमले को लेकर आईबी को अलर्ट जारी किया था।
इन देशों की खुफिया एजेंसियों से भी मिली थी गुप्त जानकारी
अंतरराष्ट्रीय संपर्क के तत्कालीन संयुक्त सचिव अनिल धस्माना ने भी अमेरिकी खुफिया एजेंसी और इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद से मिली जानकारी के आधार पर आईबी को अलर्ट किया था। रॉ द्वारा दिए गए अलर्ट में संभावित स्थानों में नरीमन हाउस का स्पष्ट उल्लेख था।
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इंडियन नेवी को भी दी गई थी जानकारी
20 नवंबर 2008 को, रॉ ने भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल को भी अलर्ट जारी किया था। इसने अल हुसैनी जहाज के बारे में जानकारी प्रदान की थी, जो कराची में केटी पोर्ट से रवाना हुआ था। इसमें जहाज की लोकेशन भी बताई गई थी। हालांकि, जहाज का पता नहीं लगाया जा सका। बाद में पता चला था कि आतंकवादियों ने समुद्र में मछुआरों को मार डाला था और मुंबई पहुंचने के लिए उनकी नाव का इस्तेमाल किया था।
क्या मनमोहन सरकार ने छुपाई जानकारी
रॉ के तत्कालीन सचिव चतुर्वेदी का 2011 में निधन हो गया। वे जनवरी 2009 में सेवानिवृत्त हुए थे। हालांकि चतुर्वेदी ने मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद कथित तौर पर इस्तीफा दे दिया था। मनमोहन सिंह सरकार ने रॉ द्वारा दिए गए सभी अलर्ट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी। अब पता चला है कि ये सभी अलर्ट खुफिया एजेंसी के रिकॉर्ड में उपलब्ध थे।