Aditya L1 ने पृथ्वी की कक्षा में बढ़ने की तीसरी प्रक्रिया भी पूरी की

इसरो के अनुसार मॉरीशस, बेंगलुरु, एस.डी.एस.सी.-एस.एच.ए.आर. और पोर्ट ब्लेयर में इसरो के केन्‍द्रों से इस प्रक्रिया की निगरानी की गई। मिशन की कक्षा बदलने की अगली प्रक्रिया 15 सितंबर की रात लगभग 2 बजे होगी।

303

भारत का अंतरिक्ष मिशन (space mission) नित नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है। भारत के प्रथम सूर्य मिशन (Surya Mission) आदित्य एल 1 ((Aditya L1)) को पृथ्वी की कक्षा में आगे बढ़ाने की तीसरी प्रक्रिया सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गई है।

कक्षा बदलाव की अगली प्रक्रिया 15 सितंबर को
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- (ISRO) ने कहा कि बेंगलुरु में आई.एस.टी.आर.ए.सी. से यह प्रक्रिया संचालित की गई। इसरो के अनुसार मॉरीशस, बेंगलुरु, एस.डी.एस.सी.-एस.एच.ए.आर. और पोर्ट ब्लेयर में इसरो के केन्‍द्रों से इस प्रक्रिया की निगरानी की गई। मिशन की कक्षा बदलने की अगली प्रक्रिया 15 सितंबर की रात लगभग 2 बजे होगी।

इससे पहले 05 सितंबर को इसरो ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर बताया था कि आदित्य एल1 ने पृथ्वी से जुड़ा अपना दूसरा अभ्यास पूरा कर लिया है। इस तरह अंतरिक्ष यान ने सूर्य के चारों ओर अपनी दूसरी कक्षा भी पूरी कर ली है। इसरो के बेंगलुरु स्थित इस्ट्रैक (ISTRAC) सेंटर से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।

05 सितंबर को पूरी हुई थी दूसरी प्रक्रिया
इसरो के मुताबिक, आदित्य-एल1 ने मंगलवार, 5 सितंबर को सुबह 2:45 बजे पृथ्वी की नई कक्षा (new orbit) में प्रवेश किया। नई कक्षा 282 किमी x 40,225 किमी है। बता दें कि दो सितंबर को इसरो ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से पीएसएलवी सी 57 लॉन्च व्हीकल से आदित्य एल1 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था।

यह भी पढ़ें – G-20 summit: सर्वसम्मति के नई दिल्ली घोषणापत्र की बुनियाद हैं 200 घंटे, जानें पूरा वाकया

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.