क्या अडानी ने उस रिपोर्ट के कारण लिया एफपीओ वापस? समझिये क्या है एफपीओ?

अडानी एंटरप्राइजेस को लेकर अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें आरोप लगाया है कि, अडानी समूह की अधिकांश कंपनियां कर्ज में डूबी हुई हैं और उनके शायर ओवरप्राइस हैं। इसके कारण अडानी समूह की कंपनियों के शेयर के दाम गिर गए और गौतम अडानी वर्ल्ड बिलिनेयर्स की सूची से बाहर हो गए।

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अडानी एंटरप्राइजेस ने बुधवार को अपना एफपीओ (फॉलो ऑन प्राइस) वापस ले लिया। इसके पीछे कारणों को लेकर विभिन्न अनुमान लगाए जा रहे हैं, जिसमें अमेरिकी कंपनी हिडनबर्ग द्वारा जारी किये गए रिपोर्ट का भी उल्लेख किया जा रहा है। जबकि कंपनी की ओर से जारी बयान में कुछ और ही कारण बताया गया है।

गौतम अडानी के समूह अडानी एंटरप्राइजेस ने 27 जनवरी को एफपीओ जारी करने की घोषणा की थी। इसके माध्यम से 20 हजार करोड़ रुपए जुटाने का कंपनी का लक्ष्य था। यह पूर्ण हुआ भी लेकिन, ऑफर के अंतिम दिन 1 फरवरी को अडानी समूह की ओर से बयान जारी करके कहा गया कि, वे एफपीओ को पूर्ण रूप से वापस ले रहे हैं। कंपनी ने निवेशकों का धन्यवाद व्यक्त करते हुए, उनके पैसे लौटाने की घोषणा की है। गौतम अडानी की ओर से इस बारे में कहा गया है कि, बाजार में अनिश्चितता के कारण ऐसा निर्णय लिया गया है। जबकि, बाजार विश्लेषकों में से कुछ ने इसके पीछे अमेरीकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को कारण बताया है। इस रिसर्च कंपनी ने उसी समय रिपोर्ट जारी की थी, जब अडानी समूह ने एफपीओ जारी किया था। वहीं शॉर्ट सेलर कंपनी ने एक रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि, अडानी समूह की कंपनियां ऋण को बोझ में हैं, इसके साथ ही उनके शेयर अवरप्राइस हैं।

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समझें क्या है एफपीओ?
जो कंपनी पहले से ही शेयर बाजार में सूचीबद्ध है, वह अपना फॉलो ऑन पब्लिक (एफपीओ) जारी करती है। यानी वह निवेशकों के लिए नए शेयर जारी करती है, जो बाजार में मौजूद शेयर से अलग होते हैं। इसके माध्यम से कंपनी अपने इक्विटी बेस को विस्तार देती है। इसका सरल अर्थ है कि, शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनी अपना कैपिटल बेस बढ़ाने के लिए एफपीओ जारी करती है। जिससे आए पैसों से वह ऋण भुगतान, कारोबार विस्तार के लिए करती है।

आईपीओ और एफपीओ में अंतर
शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियां अपने विस्तार के लिए लगनेवाली लागत को प्राप्त करने के लिए आईपीओ या एफपीओ जारी करती हैं। कोई कंपनी जब पहली बार शेयर बाजार में अपने शेयर जारी करती है तो उसे आईपीओ (इनीशियल पब्लिक ऑफर) कहा जाता है। इसके जारी होने के बाद जब कभी कंपनी को अतिरिक्त धव की आवश्यकता होती है तो, वह फॉलो ऑन फ्राइस (एफपीओ) जारी करती है।

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