उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मथुरा जिले (Mathura District) के नौहझील थाने (Nauhjheel Police Station) की पुलिस ने ईंट भट्टों (Brick Kilns) पर काम करने वाले पुरुष, महिला और बच्चों समेत 90 बांग्लादेशियों (Bangladeshis) को हिरासत (Detention) में लिया है। सत्यापन के दौरान उनकी नागरिकता का खुलासा हुआ। पुलिस उनसे पूछताछ में जुटी है। नौहझील थाना क्षेत्र में सैकड़ों ईंट भट्टे संचालित हैं।
अवैध रूप से रह रहे बड़ी संख्या में बांग्लादेशियों पर शिकंजा कसने के साथ ही अन्य एजेंसियां भी पूछताछ में सक्रिय हो गई हैं। फिलहाल पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इनके भारत में प्रवेश के नेटवर्क की जांच शुरू कर दी है।
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एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने बताया कि गिरफ्तार बांग्लादेशियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। अन्य सुरक्षा व जांच एजेंसियों को भी सूचना दे दी गई है। भारत में कई राज्यों में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक अपनी पहचान छिपाकर रह रहे हैं। केंद्र सरकार देशभर में बड़े पैमाने पर इनकी पहचान के लिए अभियान चला रही है। अनुमान है कि बिहार, बंगाल, दिल्ली, असम व पूर्वोत्तर राज्यों में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक अपनी पहचान छिपाकर रह रहे हैं।
मजदूरों ने खुद को बांग्लादेशी मुसलमान बताया
पिछले दिनों हुई क्राइम मीटिंग में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने मजदूरों के सत्यापन के आदेश दिए थे। इस आदेश के बाद ही सत्यापन का काम मिशन स्तर पर चलाया गया। शुक्रवार को सत्यापन के दौरान खुफिया विभाग व पुलिस को गांव खाजपुर स्थित मोदी ईंट भट्ठे की झुग्गियों में कुछ संदिग्ध मजदूर दिखाई दिए। पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो मजदूरों ने बताया कि उनका घर बंगाल है। लेकिन वे स्पष्ट पता नहीं बता पाए। इसके बाद पुलिस ने उनसे सख्ती से पेश आई। इसके बाद मजदूरों ने खुद को बांग्लादेशी मुसलमान बताया।
10-15 साल पहले भारत आए
इन बांग्लादेशी मजदूरों ने बताया कि क्षेत्र के गांव जरैलिया-सेउपट्टी स्थित आरपीएस ईंट उद्योग पर उनके कुछ साथी भी काम कर रहे हैं। पुलिस को वहां भी बांग्लादेशी मिले। पुलिस ने दोनों भट्ठों से 35 पुरुष, 27 महिलाएं, 28 बच्चों समेत 90 बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया है। पूछताछ में मजदूरों ने बताया कि वे 10-15 साल पहले भारत आए थे। ये लोग हरियाणा, गाजियाबाद, नोएडा, दिल्ली, अलीगढ़ में काम करते रहे। ये लोग पिछले 6-7 महीने से यहां काम कर रहे थे।
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