बच्चा चोरी की अफवाह, दुर्ग में भीड़ ने 3 साधुओं को पीटा, वीडियो वायरल

छत्तीसगढ़ के साधुओं की जिन लोगों ने पिटाई की है, उनमें से पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है।

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छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में बच्चा चोरी होने के शक में साधुओं को बहुत ही बेहरमी से पिटाई की गई। साधुओं की जिन लोगों ने पिटाई की है, उनमें से पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में योगेंद्र साहू उर्फ छोटू, सत्य नारायण चक्रधारी, भूपेंद्र वर्मा उर्फ कान्हा और सितेंद्र महतो शामिल हैं। 35 संदिग्धों की तलाश की जा रही है।

भिलाई के चरोदा इलाके में यह पूरी घटना हुई। वहां मौजूद एक शख्स ने पहचान न बताने की शर्त पर पूरे मामले को विस्तार से बताया। उसने कहा कि भूपेंद्र वर्मा उर्फ कान्हा नाम के लड़के ने साधुओं को रोका और उनसे 5 हजार रुपए मांगे। साधुओं ने रुपए नहीं होने की बात कही तो कान्हा और उसके दोस्त भड़क गए। उन्होंने कहा कि अभी इस इलाके में बच्चा चोरी का मामला काफी चर्चा में है। अगर शराब पीने के लिए पैसे नहीं दिए तो बच्चा चोरी का आरोप लगाकर जेल भेज देंगे।

साधु ने उन शराबियों की बात नहीं मानी तो योगेंद्र, सत्य नारायण, कान्हा और सितेंद्र महतो ने तीनों साधुओं को बेल्ट तथा लात-घूंसों से मारना शुरू कर दिया। उसी समय वहां से जवारे का जुलूस गुजर रहा था। विवाद होता देख जुलूस में मौजूद काफी लोग भी वहां आ गए। कान्हा और उसके साथियों ने बच्चा चोरी करने का उन साधुओं पर आरोप लगाया तो वहां के स्थानीय लोग भड़क गए और साधुओं को इतना मारा कि उन्हें गंभीर चोटें आईं।

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भिलाई पुलिस की नाकामी आई सामने
राजस्थान के अलवर जिले से आए साधु राजबीर सिंह, अमन सिंह और श्याम सिंह के साथ मारपीट की घटना 5 अक्टूबर की सुबह 11 बजे हुई। भिलाई तीन थाने के सिपाही अमित टंडन ने दोपहर 12.55 बजे इन साधुओं को सुपेला अस्पताल पहुंचाया था। यहां प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीयम सिंह ने बताया कि तीनों साधुओं के सिर व शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आई हैं। उन्हें सिटी स्कैन कराने के लिए जिला अस्पताल रेफर किया था। गंभीर चोट आने के बाद भी भिलाई के तीन पुलिस ने मामले को एसपी दुर्ग तक जाने से रोक दिया और उस मामले को दबा दी। यह मामला तब उजागर हुआ जब किसी ने मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कर दिया।

आरोपियों ने बनाई दूसरी कहानी
चार आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने खुद उनसे पूछताछ की। आरोपियों ने पुलिस को कहानी बना कर बताया कि साधु बच्चों को प्रसाद दे रहे थे। बच्चा चोरी के शक से उनसे पूछताछ की गई तो वो सही से किसी बात का जवाब नहीं दे रहे थे। उनके पास आधार कार्ड भी नहीं था। इसीलिए उन्होंने संदेह के आधार पर पीटा, जबकि साधुओं के पास आधार कार्ड थे। उन्होंने पुलिस को ये कार्ड दिखाए भी हैं।

होगी दोषियों पर सख्त कार्रवाई
इस मामले में प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि घटना के बारे में जानकारी मिली है, लेकिन घटना के क्या कारण रहे हैं वह पता किया जा रहा है। फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है और कारणों का पता चलने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राजस्थान के रहने वाले हैं साधु
जानकारी के मुताबिक जिन साधुओं की पिटाई की गई है वह राजस्थान के अलवर जिले के गोविंदगढ़ के रामवास मोहल्ले के रहने वाले हैं। इनका नाम राजबीर सिंह, अमन सिंह और श्याम सिंह है। तीन रेलवे क्षेत्र चरोदा में काफी समय से किराए का मकान लेकर रह रहे थे। यहां वे राशन और कपड़े मांग कर अपना जीवन गुजारा कर रहे थे। टीआई का कहना है कि उन्हें इन साधुओं की कोई संदिग्ध गतिविधि अब तक नहीं मिली है। पब्लिक ने बच्चा चोरी का आरोप लगाकर इन्हें क्यों मारा, इसकी जांच की जा रही है।

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