महाराष्ट्र में भारी बारिश से अब तक 109 नागरिकों की जान जा चुकी है और 189 जानवरों की मौत हो चुकी है। भारी बारिश से आई बाढ़ की वजह से सूबे के 28 जिले और 289 गांव प्रभावित हुए हैं। 83 अस्थायी आश्रय केंद्र बनाए गए हैं और अब तक 14 हजार 480 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बारिश से अब तक 44 घर पूरी तरह और 2086 घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
महाराष्ट्र आपदा नियंत्रण कक्ष के अनुसार चंद्रपुर जिले में भारी बारिश से वर्धा नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए चंद्रपुर, वरोरा और भद्रावती तहसील के नदी तटीय इलाकों से 2 हजार 600 नागरिकों को निकालकर सुरक्षित स्थल पर स्थलांतरित किया गया है। इन इलाकों में सेना की 01 टीम, एनडीआरएफ की 01 टीम, एसडीआरएफ की दो टीमों को तैनात किया गया है। महाराष्ट्र के 28 जिलों में एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ की कुल 18 टीम कार्यरत हैं।
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लोगों को सुरक्षित स्थल पर पहुंचाने का काम जारी
नागपुर विभाग में गढ़चिरौली जिले की वर्तमान बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है। इस विभाग में वैनगंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वर्धा, प्राणहिता और इंद्रावती नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। नदी के पास के गांवों को सुरक्षित स्थल पर पहुंचाया जा रहा है। इसी तरह वर्धा जिले के हिंगनघाट, समुद्रपुर, सेलू और देवली जिलों में भारी बारिश के कारण कुछ नागरिक बाढ़ के पानी में फंस गए थे, इनमें से अब तक 10 आश्रय केंद्रों में 397 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अन्य लोगों को सुरक्षित स्थल पर पहुंचाने का काम जारी है।
एनडीआरएफ की दो टीमों को जिले में किया तैनात
यवतमाल जिले में अब तक 2 हजार 247 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। कोंकण विभाग के रत्नागिरी जिले में फिलहाल बाढ़ की कोई स्थिति नहीं है। सुरक्षा कारणों से मुंबई गोवा राजमार्ग पर परशुराम घाट 30 जुलाई तक शाम 07 बजे से सुबह 06 बजे तक बंद कर दिया गया है। ऐहतियात के तौर पर एनडीआरएफ की दो टीमों को जिले में तैनात किया गया है।