विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस प्राकृतिक संसाधनों के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है। यह दिवस हर वर्ष 28 जुलाई को मनाया जाता है। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का प्राथमिक उद्देश्य प्रकृति और पृथ्वी के सभी जीव-जंतुओं को बचाना है। इनमें से कई विलुप्त होने के कगार पर हैं। पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों में वायु, खनिज, पौधे, मिट्टी, पानी और वन्य जीवन शामिल हैं।
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस थीम
1 जुलाई 2022 से ही भारत सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगा रखी है। प्लास्टिक प्राकृतिक और मनुष्य के लिए काफी हानीकारक है। यह बड़े पैमाने पर कार्बन उत्सर्जन करता है। सरकार ने इस वर्ष ‘कट डाउन ऑन प्लास्टिक यूज’ थीम रखा है।
ईपीआई रैंकिंग में शामिल है भारत
ईपीआई अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग है, जो पर्यावरणीय स्वास्थ्य और देशों में इसकी स्थिति को मापता है। ईपीआई के अनुसार “नवीनतम वैज्ञानिक अंतर्दृष्टि और पर्यावरण डेटा के आधार पर, भारत विश्व भर ते देशों की सूची में सबसे निचले स्थान पर है। 2021 में भारत 177 वें स्थान पर था, जबकि इस वर्ष सबसे अंतिम स्थान पर है। भारत को कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर कम अंक प्राप्त हुए हैं।
प्राकृति का महत्व
प्रकृति संरक्षण दिवस मनाना न केवल पशुओं और पेड़ों की रक्षा करना है, बल्कि प्रकृति को भी बचाना है। प्रकृति मानव को अनेक लाभ देती है। हम जिस वातावरण में सांस लेते हैं, जो पानी पीते हैं, जो खाना खाते हैं, वे सब प्रकृति की देन हैं। प्रकृति हमारे लिए महत्वपूर्ण है और हमारे अस्तित्व के लिए जरूरी है। हमें प्रकृति की रक्षा करना चाहिए। प्रकृति हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण किरदार है। प्रकृति के बिना मनुष्य का जीवन असंभव है। यह हमें सुरक्षात्मक परत प्रदान करती है। यह हमारी देखभाल करती है। इसकी रक्षा हमारी जिम्मेदारी है।