देशभक्ति के रंग में रंगे संतों ने निकाली तिरंगा यात्रा, लोगों को दिया ये संदेश

तिरंगा रैली में शामिल संतों ने कहा कि यह हम सभी का सौभाग्य है कि हम देश की आजादी के 75वें वर्ष के साक्षी बन रहे हैं।

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भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। अमृत महोत्सव के क्रम में काशी विश्वनाथ डमरू दल के नेतृत्व में रविन्द्रपुरी स्थित बाबा कीनाराम स्थली क्रीं कुंड से डमरु वादन के साथ तिरंगा यात्रा निकाली गई।

तिरंगा यात्रा पदमश्री चौराहे से होते हुए लंका स्थित मालवीय चौराहे पर पहुंच कर समाप्त हुई। पूरे राह डमरू दल का वादन और खास अंदाज में तिरंगा लहराना लोगों में आकर्षण का केन्द्र बना रहा। माना जाता है कि काशी के कण-कण में शिव बसते हैं। आज कुछ ऐसा ही नजारा तिरंगा यात्रा में दिखा। यात्रा में 51 डमरू वादक डमरू बजाते हुए शामिल हुए। इसमें मोनू बाबा, विक्रम चौधरी, कमलेश पांडे, हिमांशु गुप्ता, अरविंद प्रजापति, विनोद प्रजापति, रवि प्रजापति आदि शामिल रहेो।

जिलाधिकारी ने हर घर तिरंगा महोत्सव की बाइक रैली को हरी झंडी दिखाई
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने 14 अगस्त को सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के गेट से स्वतंत्रता सप्ताह एवं हर घर तिरंगा महोत्सव की बाइक रैली को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया। रैली के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया। आजादी के 75 साल पूरे होने पर 11 अगस्त से 17 अगस्त तक आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, जिसके तहत हर घर तिरंगा के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे।

देशभक्ति के रंग में संत भी डूबे, निकाली तिरंगा यात्रा
आजादी के अमृत महोत्सव में काशी के संत भी भागीदारी कर रहे हैं। रविवार को अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती के सिद्धगिरि बाग स्थित ब्रह्म निवास आश्रम में ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर आयोजित बैठक में भाग लेने आये संतों ने भी तिरंगा यात्रा निकाली। संतों के साथ स्थानीय लोगों ने भी इसमें भागीदारी की। संतों ने तिरंगा यात्रा निकाल कर देश की एकता और अखंडता के लिए सभी से जी-जान से जुटने का आह्वान किया।

संतों ने इस बात को बताया अपना सौभाग्य
संतों ने कहा कि यह हम सभी का सौभाग्य है कि हम देश की आजादी के 75वें वर्ष के साक्षी बन रहे हैं। यात्रा में अस्सी डुमरावबाग स्थित काशीसुमेरू पीठ के पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती, उज्जैन से आये महामंडलेश्वर स्वामी श्याम चैतन्य जी, सन्यास आश्रम लखनऊ के महामंडलेश्वर स्वामी अभयानंद सरस्वती, ललितपुर के महामंडलेश्वर स्वामी चन्द्रेश्वर गिरि, रोहतक, हरियाणा के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानन्द, हरिद्वार के महामंडलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरि,परमार्थ साधक संघ के महामंडलेश्वर स्वामी प्रणव चैतन्य पुरी, मुम्बई के महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वती आदि शामिल रहें।

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